trendingNow12875663
Hindi News >>देश
Advertisement

ट्रंप के टैरिफ से निपटेंगे शशि थरूर? केंद्र सरकार के साथ मिलकर करेंगे प्लानिंग

Donald Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगा दिए हैं, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वो झुकने को तैयार नहीं है. इसको लेकर आत्ममंथन चल रहा है और कांग्रेस सांसद शशि थरूर इससे निपटने के लिए सरकार के साथ मिलकर प्लानिंग करेंगे.

ट्रंप के टैरिफ से निपटेंगे शशि थरूर? केंद्र सरकार के साथ मिलकर करेंगे प्लानिंग
Sumit Rai|Updated: Aug 11, 2025, 09:20 AM IST
Share

India Plan for Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से निर्यात होने वाले उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है. लेकिन, सरकार भी स्पष्ट कर चुकी है कि भारत किसी अन्य देश के दबाव या डेडलाइन में कोई ट्रेड डील नहीं करेगा. इस बीच सरकार ट्रंप के टैरिफ से निपटने की तैयारी भी कर रही है और इसको लेकर आत्ममंथन चल रहा है. इसके लिए कांग्रेस सांसद शशि थरूर सरकार के साथ मिलकर प्लानिंग करेंगे.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि शशि थरूर (Shashi Tharoor) की अध्यक्षता वाली विदेश मामलों की स्थायी समिति को सोमवार को भारत की मौजूदा विदेश नीति के नवीनतम घटनाक्रमों से अवगत कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रतिनिधि समिति को भारत की विदेश नीति के घटनाक्रमों के बारे में जानकारी देंगे, जिसमें विशेष रूप से अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता और टैरिफ के बारे में बताया जाएगा.

अमेरिका से रचनात्मक रूप से जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध भारत

विदेश मंत्रालय ने बैठक से पहले संसदीय समिति को बताया कि भारत पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी फैसले ने उसे एक ऐसे भू-राजनीतिक संघर्ष में धकेल दिया है जो उसने खुद नहीं किया था. दोनों देशों के बीच विश्वास में आई कमी के बावजूद उसने कहा कि भारत अमेरिका के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध है.

भारत को कई चीजों पर विचार करना होगा: शशि थरूर

इससे पहले अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने शुक्रवार को कहा था कि भारत को अपने हितों की भी रक्षा करनी चाहिए. थरूर ने कहा, 'जो हो रहा है वह चिंताजनक है. एक ऐसा देश जिसके साथ हमारे घनिष्ठ संबंध थे और हम रणनीतिक साझेदार के रूप में काम कर रहे थे. अगर उस देश ने अपना व्यवहार बदला है, तो भारत को कई चीजों पर विचार करना होगा. शायद आने वाले दो-तीन हफ्तों में हम बातचीत कर सकें और कोई रास्ता निकाल सकें. भारत को अपने हितों का भी ध्यान रखना होगा.'

Read More
{}{}