Housing Jihad: शिवसेना ने शुक्रवार को कुछ मुस्लिम बिल्डरों पर आरोप लगाया कि वे मुंबई के स्लम पुनर्वास (SRA) प्रोजेक्ट्स में गड़बड़ी कर रहे हैं और शहर की जनसंख्या संरचना बदलने की कोशिश कर रहे हैं. शिवसेना के प्रवक्ता संजय निरुपम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह आरोप लगाया कि गोवंडी, मानखुर्द, कुर्ला, साकी नाका, बांद्रा और अन्य इलाकों में ऐसा हो रहा है.
निरुपम ने दावा किया कि मुंबई में 600 स्लम पुनर्वास प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनमें 10% मुस्लिम बिल्डरों के पास हैं और वे सभी इस गड़बड़ी में शामिल हैं. उन्होंने इसे 'हाउसिंग जिहाद' करार दिया और कहा कि इस तरह से शहर की जनसंख्या संरचना को बदला जा रहा है. निरुपम ने इन आरोपों की जांच की मांग की है और इसके लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे को पत्र लिखा है. उन्होंने ओशिवारा के दो पुनर्वास प्रोजेक्ट्स का उदाहरण दिया, जहां उन्होंने दावा किया कि 'हिंदू बहुल सोसायटी को मुस्लिम बहुल बनाया गया.'
निरुपम ने आरोप लगाया कि एक मुस्लिम बिल्डर ने प्रोजेक्ट में रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की और 19 बिल्डिंग्स को एक ही व्यक्ति के नाम पर पास कर दिया. SRA के नियमों के मुताबिक एक परिवार को सिर्फ एक घर मिल सकता है, लेकिन इस मामले में एक ही परिवार को 30 घर अलॉट कर दिए गए. 2021 में एक इलाके में 45 झुग्गियां थीं जो पुनर्वास के लिए पात्र थीं, लेकिन 2022 में इनकी तादाद 82 हो गई और फिर 95 तक पहुंच गई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिजली के बिलों में हेरफेर करके अयोग्य लोगों को पात्र दिखाया गया.
निरुपम ने दावा किया कि एक पुनर्वास प्रोजेक्ट में एक बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहा है. उन्होंने मांग की कि सरकार इस पूरे मामले की गहराई से जांच करे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. SRA का मकसद झुग्गीवासियों को बेहतर और सस्ते घर देना है, लेकिन इन आरोपों ने इस योजना पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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