Sonia Gandhi On Waqf Amendment Bill: आखिरकार वक्फ (अमेंडमेंट) बिल को दोनों सदनों से हरी झंडी मिल गई, लेकिन इस बिल को लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. सदन से लेकर सड़क तक सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग जारी है. शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही भी हंगामे के साथ शुरू हुई. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने 'सोनिया गांधी माफ़ी मांगो' जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए. जोरदार विरोध के बीच लोकसभा को स्थगित कर दिया गया.
सोनिया गांधी का बयान
दरअसल, लोकसभा में बिल पास होने के ही घंटे बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने सीपीपी की बैठक में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि निचले सदन में इस बिल को 'बुलडोजर' से पारित कर दिया गया. कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर लोकसभा में विधेयक को जबरन पारित करने का आरोप लगाया, प्रस्तावित कानून को संविधान पर एक खुला हमला बताया और कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है, ताकि समाज को हमेशा ध्रुवीकृत रखा जा सके. गांधी ने यह भी कहा कि विपक्ष के नेताओं को संसद के दोनों सदनों में बोलने नहीं दिया जा रहा है और सत्ता पक्ष के विरोध के कारण सदन को स्थगित करने की प्रवृत्ति को असाधारण और चौंकाने वाला बताया.
स्पीकर ने सोनिया गांधी की टिप्पणी की आलोचना की
वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को सीनियर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की टिप्पणी की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' है कि वरिष्ठ नेता ने व्यापक चर्चा और नियमों के अनुसार बिल के उचित पारित होने के बावजूद सदन की प्रक्रियाओं पर सवाल उठाया. राज्यसभा सदस्य गांधी का नाम लिए बिना बिड़ला ने कहा कि उनका बयान न तो उचित है और न ही संसदीय लोकतंत्र की गरिमा के अनुरूप है.
बिरला ने कहा, 'वरिष्ठ कांग्रेस नेता, जो इस सदन के सदस्य रहे हैं और वर्तमान में दूसरे सदन के सदस्य हैं, ने दूसरे सदन के परिसर में बयान दिया कि वक्फ संशोधन विधेयक को जबरन पारित किया गया. इस विधेयक पर सदन में 13 घंटे 53 मिनट तक चर्चा हुई, जिसमें विभिन्न दलों के 61 सदस्यों ने अपने विचार रखे.'
स्पीकर ओम बिरला ने आगे कहा, 'इस बिल पर तीन बार मत विभाजन हुआ और इसे सदन के नियमों के अनुसार पारित किया गया. इसलिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सदन के देर रात तक बैठने और लंबी बहस के बाद विधेयक पारित करने के बावजूद एक सीनियर सदस्य सदन की कार्यवाही पर संदेह जता रहे हैं, जो उचित नहीं है.
किरेन रिजिजू ने स्पीकर से किया ये आग्रह
जब, शुक्रवार को जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, सत्ता पक्ष ने सोनिया गांधी की टिप्पणी का विरोध करना शुरू कर दिया, जिसके कारण स्पीकर को सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पीकर से 'उचित निर्णय' देने का आग्रह किया.
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