Soumya Rape-Murder Case: 25 फीट ऊंची दीवार, सीसीटीवी और हाई सिक्योरिटी प्रोटोकॉल... अगर किसी जेल की इस तरह की सुरक्षा हो तो कोई अपराधी भागने के बारे में सोच भी नहीं सकता है. लेकिन, केरल में कुख्यात अपराधी गोविंदाचामी हाई सिक्योरिटी वाली कन्नूर सेंट्रल जेल से फरार हो गया. वारदात का पता शुक्रवार सुबह 5 बजे चला, जब जेल अधिकारियों ने गोविंदाचामी को अपनी कोठरी से गायब पाया. दो घंटे बाद स्थानीय कन्नूर पुलिस को सूचना दी गई और अब पुलिस ने अपराधी को पकड़ने के लिए व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया. चलती ट्रेन में सौम्या नाम की लड़की के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के दोषी को भागने के कुछ ही घंटों बाद पकड़ लिया गया है. पुलिस के अनुसार वह कन्नूर जिले के थलप्पु इलाके में एक खाली पड़े प्लॉट के एक कुएं में छिपा हुआ था.
25 फीट ऊंची दीवार... फिर कैसे फरार हुआ अपराधी?
जेल प्रशासन के अनुसार, गोविंदाचामी के भागने के समय जेल परिसर में बिजली गुल थी. सुबह जब जेल की जांच की गई, तो 25 फीट ऊंची दीवार पर कपड़े से बनी एक रस्सी लटकती मिली. यह देखकर लोग हैरान हैं कि एक हाथ वाला व्यक्ति बिजली की बाड़ वाली इस ऊंची दीवार को कैसे पार कर सकता है. कन्नूर जेल में 68 कोठरियां हैं और यह विशेष उच्च सुरक्षा क्षेत्र माना जाता है, फिर भी यह खूंखार अपराधी भागने में सफल रहा.
#WATCH | Kannur, Kerala | 2011 Soumya rape and murder accused Govindachamy, who had escaped from Kannur Jail, arrested https://t.co/yItvEXKj49 pic.twitter.com/fj3MzJi4aZ
— ANI (@ANI) July 25, 2025
क्या गोविंदाचामी के भागने में है कोई साजिश?
पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने इस घटना को साजिश करार दिया और कहा, ‘गोविंदाचामी को जेल से भागने में मदद की गई. कन्नूर जेल का संचालन एक समिति करती है, जिसमें माकपा के शीर्ष नेता पी. जयराजन शामिल हैं. यह एकतरफा साजिश का नतीजा है.’ वहीं, सौम्या की मां ने भी जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘सीसीटीवी और उच्च सुरक्षा प्रोटोकॉल वाली जेल से ऐसा कैसे हो सकता है? निश्चित रूप से उसे किसी की मदद मिली है.’
गोविंदाचामी का अपराध बर्बर और समाज को झकझोरने वाला
गोविंदाचामी को 2011 में एक जघन्य अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था. उसने 1 फरवरी 2011 को शोरानूर की 23 वर्षीय सौम्या के साथ एर्नाकुलम-शोरानूर पैसेंजर ट्रेन में लूटपाट की, उसके साथ दुष्कर्म किया, और उसे ट्रेन से धक्का दे दिया था. सौम्या का शव रेलवे ट्रैक के पास मिला था. गोविंदाचामी को तमिलनाडु में भी आठ आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया जा चुका था.
2012 में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गोविंदाचामी को आदतन अपराधी मानते हुए मौत की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने अपराध को बर्बर और समाज को झकझोरने वाला बताया था. 2013 में केरल हाईकोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखा. हालांकि, 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने हत्या का आरोप हटाते हुए मौत की सजा को सात साल की कैद में बदल दिया, लेकिन उम्रकैद की सजा बरकरार रखी.
कन्नूर पुलिस और राज्य पुलिस प्रमुख रेवाड़ा चंद्रशेखर इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं. 2011 में गोविंदाचामी को पकड़ने वाले पुलिसकर्मी अशरफ ने कहा, "मुझे हमेशा डर था कि यह आदतन अपराधी जेल से भाग सकता है.’ पुलिस ने पूरे क्षेत्र में नाकेबंदी कर दी है और अपराधी को जल्द पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)
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