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सोसाइटी में आप भी आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कह दी बड़ी बात

आजकल सोसाइटियों में कुत्तों को खिलाने या उन्हें दुलारने को लेकर झगड़े भी हो जाते हैं. एक तरफ डॉग लवर होते हैं जिन्हें खाना खिलाने में कुछ भी गलत नहीं लगता लेकिन दूसरी तरफ बड़ी संख्या में लोग कुत्ते से डरते हैं और वे चाहते हैं कि इन्हें थोड़ी दूर निश्चित जगह ही खिलाया जाएगा. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो जजों ने भी इस समस्या पर गहरी नाराजगी जताई. 

सोसाइटी में आप भी आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कह दी बड़ी बात
Arvind Singh|Updated: Jul 16, 2025, 12:15 PM IST
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Stray Dog Feeding News: सुप्रीम कोर्ट ने खुले में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने को लेकर सख्त नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने नोएडा में सोसाइटी के अंदर कुत्तों को खाना खिलाने की उचित व्यवस्था की मांग कर रही याचिकाकर्ता से नाराजगी करते हुए कहा कि आप अपने घर में शेल्टर होम खोल लीजिए, वहां कुत्तों को खिलाइए.'

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सन्दीप मेहता की बेंच ने तंज कसते हुए कहा कि क्यों ना हर लेन, हर सड़क इन बड़े दिल वालों के लिए खोल दें! जहां सिर्फ जानवरों को इजाज़त होगी, इंसान के लिए कोई स्पेस ही न हो. आप अपने घर में क्यों नहीं कुत्तों को खिलातीं? कोई ऐसा करने से आपको नहीं रोक रहा!

इस केस में याचिकाकर्ता का कहना था कि वो कुत्तों को खाना खिलाने की वजह से परेशान झेल रही हैं. सोसाइटी में एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स के मुताबिक कुत्तों को खिलाने के लिए एक तय जगह होनी चाहिए.

दरअसल, एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स के रूल नंबर 20 आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से सम्बंधित है. इसमें कहा गया है कि रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन या स्थानीय निकाय के  प्रतिनिधि की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने इलाके में रहने वाले आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए जरूरी व्यवस्था करें.

वकील की ओर से दलील दी गई कि म्युनिसिपलटी की ओर से ग्रेटर नोएडा में तो यह व्यवस्था की गई है लेकिन नोएडा में नहीं. ऐसी जगहों पर जहां लोगों का ज़्यादातर आना जाना नहीं होता, वहां भी खाना खिलाने के लिए जगह चिन्हित की जा सकती है.

बेंच ने कहा कि आप सुबह साइकिलिंग के लिए निकलिए. देखिए कि क्या आपको नज़र आता है. आवारा कुत्तों के चलते सुबह पैदल चलने वाले ही नहीं, बल्कि साइकिल राइडर और दुपहिया वाहन चालक को भी जोखिम बना रहता है. बहरहाल कोर्ट ने इस याचिका को पहले से लंबित याचिका के साथ जोड़ दिया. (फोटो- एआई)

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