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तो जेल भेज देंगे... शैक्षणिक संस्थानों में सुसाइड के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी (Student Suicide case in Sharda University) और आईआईटी खड़गपुर (Student Suicide case in IIT Kharagpur) में छात्रों की आत्महत्या से जुड़े मामले पर स्वत: संज्ञान  लिया है.

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
Arvind Singh|Updated: Jul 21, 2025, 09:18 PM IST
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Student Suicide case: सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी (Student Suicide case in Sharda University) और आईआईटी खड़गपुर (Student Suicide case in IIT Kharagpur) में छात्रों की आत्महत्या से जुड़े मामले पर स्वत: संज्ञान  लिया है. एपेक्स कोर्ट ने कहा है कि हमारी शिक्षा व्यवस्था में कुछ तो गड़बड़ है जो छात्र ऐसा कदम उठाने के लिए मज़बूर हो रहे है. कोर्ट ने दोनों संस्थाओं से रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने पूछा है कि क्या दोनो केस में यूनिवर्सिटी ने तुंरत पुलिस को जानकारी दी ताकि FIR दर्ज की जा सके. कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर दोनों मामलों में संस्थानों की ओर से देरी हुई तो हम अवमानना की कार्रवाई शुरू करेंगे और  जिम्मेदार लोगों को जेल भेजेंगे.

एक हफ्ते में खुदकुशी के दो मामले
पिछले हफ्ते ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में ज्योति नाम की छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. उसने अपने सुसाइड नोट में दो शिक्षकों को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था. उसके पिता की ओर से दायर एफआईआर में  शिक्षको पर मानसिक प्रताड़ना लगाते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. वही दूसरी ओर आइआइटी खड़कपुर के रितम मोंडल नाम के छात्र ने 18 जुलाई को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पिछले 7 महीनों में आईआईटी खड़गपुर में आत्महत्या की यह चौथी घटना है .

SC की चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कोर्ट को सहयोग देने के लिए वकील अपर्णा भट्ट को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. कोर्ट ने उनसे कहा है कि वह दोनों घटनाओं के बारे में  तथ्यों की पड़ताल करें और कोर्ट को बताएं कि क्या इन दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज हो गई है. उन्हें इस बात की भी जांच करने को कहा है कि क्या दोनों संस्थाओं की ओर से पुलिस को घटना की जानकारी देने में कोई देरी तो नहीं हुई है. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए सख्त शब्दों में कहा कि अगर इन मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं हुई या फिर संस्थाओं की तरफ से कोई भी देरी हुई है तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे हम अवमानना की कार्रवाई शुरू करेंगे और जिम्मेदार लोगों को जेल भेजेंगे.

Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्‍मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्‍यथित हों तो जीवन से हार मानने की कोई जरूरत नहीं. अच्‍छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्‍त हेल्‍पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें.

 

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