Professor Ali khan: सुप्रीम कोर्ट ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान के ऑपरेशन सिंदूर को लिखे पोस्ट की जांच कर रही SIT से कहा है कि वो अपनी जांच सिर्फ एफआईआर तक सीमित रखें, जांच का दायरा न बढ़ाए, कोर्ट ने यह भी कहा कि इस जांच के लिए डिवाइस को जब्त करने की जरूरत नहीं है. जांच की रिपोर्ट सम्बंधित कोर्ट में रखें जाने से पहले उसके सामने रखी जाए.
अली खान के वकील की दलील
दरअसल अली खान की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि SIT कोर्ट के आदेश का ग़लत इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने इस आदेश की आड़ में बेवजह दूसरी चीज़ों की भी जांच करनी शुरु कर दी है. इसके मद्देनजर कोर्ट ने जांच को सीमित रखने का आदेश दिया है.
जांच से जुड़े विषय पर पोस्ट नहीं करेंगे
सिब्बल ने कोर्ट से आग्रह किया कि वो उस शर्त को हटा दे जिसके तहत जांच के विषय से जुड़े विषय पर ऑनलाइन पोस्ट करने पर मनाही थी. सिब्बल ने कहा कि वो इस बारे में कोर्ट को आश्वासन देने को तैयार है कि वो ऐसा कोई पोस्ट नहीं करेंगे. वो समझदार व्यक्ति है. यूनिवर्सिटी में पढ़ाते है.
इस तरह की शर्त से गलत संदेश जाएगा
हालांकि कोर्ट ने अभी इनसे इंकार करते हुए कहा कि अभी शर्त रहने दीजिए. आप अगली तारीख पर हमें ध्यान दिलाएंगे. वैसे भी हमने अपने आदेश के ज़रिए सिर्फ इस विषय पर लिखने से रोका है. दूसरे विषयों पर तो वो लिख ही सकते हैं. कोर्ट अगली सुनवाई जुलाई में करेगा तब तक अली खान को मिली अंतरिम ज़मानत बरकरार रहेगी, कोर्ट ने अली खान को भी जांच में सहयोग करने को कहा है. बता दें कि अली खान ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक विवादित टिप्पणी की थी जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी.
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