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'क्रिकेट के भगवान' और देश के सेलिब्रिटी ने अकेले तेलंगाना में 1023 लोगों की ले ली जान? देश में मचा हाहाकार, सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त

Supreme Court strict on online betting: सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में बताया गया है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स जुए की तरह हैं. इनकी लत ने लाखों युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर दी है. न सिर्फ युवा, बल्कि उनके परिवार भी इसकी कीमत चुका रहे हैं. अकेले तामिलनाडु में हजारों युवाओं की मौत हो चुकी है. जानें पूरा मामला.

'क्रिकेट के भगवान' और देश के सेलिब्रिटी ने अकेले तेलंगाना में 1023 लोगों की ले ली जान? देश में मचा हाहाकार, सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त
krishna pandey |Updated: Aug 01, 2025, 03:56 PM IST
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Supreme Court on online betting: ऑनलाइन सट्टेबाजी को लेकर देश में हंगामा मचा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा कदम उठाते हुए सभी राज्यों, गूगल इंडिया और एप्पल इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट का कहना है कि यह मामला आम लोगों के हित से जुड़ा है, इसलिए इसे गंभीरता से लिया जा रहा है. कोर्ट ने साफ किया कि अगली सुनवाई में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर रोक लगाने की मांग पर विचार किया जाएगा. अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी.

ऑनलाइन सट्टेबाजी से लाखों जिंदगी तबाह
यह मामला तब गर्माया जब ईसाई धर्म प्रचारक के.ए. पॉल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. उनकी याचिका में कहा गया कि ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स जुए की तरह हैं. इनकी लत ने लाखों युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर दी है. न सिर्फ युवा, बल्कि उनके परिवार भी इसकी कीमत चुका रहे हैं. याचिका में दावा किया गया कि अकेले तेलंगाना में सट्टेबाजी की लत के कारण 1023 लोगों ने आत्महत्या कर ली. यह आंकड़ा चौंकाने वाला है और इसने पूरे देश का ध्यान खींचा है.

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले खिलाड़ी और मशहूर हस्तियां पर क्या है आरोप
याचिका में यह भी कहा गया कि बॉलीवुड और टॉलीवुड के 25 बड़े सितारे इन सट्टेबाजी ऐप्स का प्रचार कर रहे हैं. इसमें क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी, जिन्हें 'क्रिकेट का भगवान' कहा जाता है उनसे लेकर कई मशहूर हस्तियां इस मामले में शामिल हैं. इन सितारों पर आरोप है कि वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर लोगों को इन ऐप्स की ओर लुभा रहे हैं, जिससे युवा और आम लोग लत में फंस रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने पहले सरकार अब राज्यों को भेजा नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने पहले केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था. अब राज्यों और टेक कंपनियों को भी इस मामले में जवाब देना होगा. कोर्ट यह तय करेगा कि क्या इन ऐप्स पर पूरी तरह रोक लगाई जाए या फिर कोई दूसरा रास्ता निकाला जाए. लोगों का मानना है कि अगर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है.

कुछ सालों में ऑनलाइन सट्टेबाजी का बढ़ा चलन
ऑनलाइन सट्टेबाजी का चलन पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है. क्रिकेट और अन्य खेलों से जुड़े ये ऐप्स आसानी से उपलब्ध हैं, जिसके चलते युवा इनके जाल में फंस रहे हैं. कई लोग इन ऐप्स पर पैसे कमाने के चक्कर में अपनी जमा-पूंजी तक गंवा बैठे हैं.

सुप्रीम कोर्ट का यह कदम इस दिशा में एक बड़ा बदलाव ला सकता है.
इस खबर से जुड़े पांच सवाल-जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में क्या कदम उठाया है?

कोर्ट ने सभी राज्यों, गूगल इंडिया और एप्पल इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अगली सुनवाई में सट्टेबाजी ऐप्स पर रोक लगाने पर विचार होगा.
यह याचिका किसने दायर की और क्यों?
ईसाई धर्म प्रचारक के.ए. पॉल ने याचिका दायर की. उन्होंने कहा कि ये ऐप्स जुए की तरह हैं और इनकी लत से युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो रही है.
तेलंगाना में सट्टेबाजी ऐप्स का क्या असर हुआ?
याचिका के मुताबिक, तेलंगाना में सट्टेबाजी की लत के कारण 1023 लोगों ने आत्महत्या की.
कौन-कौन इन ऐप्स का प्रचार कर रहा है?
बॉलीवुड और टॉलीवुड के 25 सितारे, जिसमें क्रिकेट के बड़े खिलाड़ी भी शामिल हैं, इन ऐप्स का प्रचार कर रहे हैं.
अगली सुनवाई कब होगी?
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त 2025 को होगी.

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