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आप इस पर अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते... ताहिर हुसैन की अर्जी पर ऐसा क्यों बोला सुप्रीम कोर्ट?

Delhi News:  दिल्ली दंगो के आरोपी ताहिर हुसैन की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जवाब देने के लिए कहा. आरोपी ताहिर हुसैन ओवैसी की पार्टी AIMIM की टिकट पर मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में है और वो करीब पांच साल से जेल में है.    

आप इस पर अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते... ताहिर हुसैन की अर्जी पर ऐसा क्यों बोला सुप्रीम कोर्ट?
Md Amjad Shoab|Updated: Jan 21, 2025, 05:44 PM IST
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Delhi News: AIMIM कैंडिडेट व दिल्ली दंगो के आरोपी ताहिर हुसैन ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस से पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की याचिका पर जवाब देने को कहा.

न्यायमूर्ति पंकज मिथल ( Justice Pankaj Mithal ) और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ( Justice Ahsanuddin Amanullah ) की बेंच ने दिल्ली पुलिस के वकील से कहा कि वे तैयारी करके आएं और अगली सुनवाई पर मामले में बहस करें. बेंच ने कहा, 'मान लीजिए, हम इस बात से सहमत हैं कि उसे नियमित जमानत मिल सकती है, तो फिर हम कम से कम अंतरिम जमानत क्यों न दे दें?'

इसमें आगे कहा गया, 'अगर हम इस स्तर पर संतुष्ट हैं कि कुछ मामला बनता है, तो अंतरिम जमानत क्यों नहीं? जबकि वह 4 साल 10 महीने से जेल में है. वह सिर्फ भड़काने वाला है और भड़काने का यही आरोप उन नौ मामलों में है, जिनमें उसे जमानत दी गई है. आप इस पर अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते.'

नौ मामलों में मिल चुकी है जमानत
इस मामले में अगली सुनवाई अब 22 जनवरी को होगी. हुसैन की तरफ से सीनियर अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि पूर्व पार्षद 4 साल 10 महीने से हिरासत में हैं और 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान भीड़ को उकसाना उनके खिलाफ सिर्फ एक आरोप है. शीर्ष अदालत को बताया गया कि हुसैन पर 11 मामलों में प्राथमिकी दर्ज है और उन्हें नौ मामलों में जमानत दी गई है.

ताहिर हुसैन को इस मामले में 16 मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया गया था. अदालत को यह भी बताया गया कि हुसैन की हिरासत के तीन साल बाद आरोप तय किए गए और अभियोजन पक्ष ने 115 गवाह पेश किए, जिनमें से सिर्फ 22 की ही जांच की गई.
 
 आपकी संलिप्तता स्पष्ट है: SC
उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपियों को पहले ही नियमित जमानत मिल चुकी है. चार्जशीट का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत ने उनकी मौजूदगी पर गौर किया और कहा, 'आपकी संलिप्तता स्पष्ट है.' पीठ ने कहा, 'हमें इस पर विचार करना होगा, अंतरिम जमानत का वक्त समाप्त हो रहा है.'

हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी की थी खारिज
शीर्ष अदालत ने मामले में हाल में सुनवाई करते हुए टिप्पणी की थी कि ऐसे सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जानी चाहिए. दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 जनवरी को हुसैन को एआईएमआईएम के टिकट पर मुस्तफाबाद विधानलभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हिरासत पैरोल प्रदान की थी. हालांकि,  हाईकोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से नौ फरवरी तक के अंतरिम जमानत के हुसैन के अर्जी को खारिज कर दिया था. ( इनपुट भाषा से)

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