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बेनकाब होने लगा पाकिस्तान.. पहले मुंबई के गुनहगारों को छिपाया अब किया किनारा, राणा से NIA ने क्या-क्या पूछा

Tahawwur Rana: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) मुंबई के 26/11 हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ कर रही है. इसके जरिए पाकिस्तान बेनकाब हो सकता है.   

बेनकाब होने लगा पाकिस्तान.. पहले मुंबई के गुनहगारों को छिपाया अब किया किनारा, राणा से NIA ने क्या-क्या पूछा
Shruti Kaul |Updated: Apr 15, 2025, 08:38 AM IST
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Tahawwur Rana Extradition: मुंबई के 26/11 हमलों का मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को  USA की जेल से प्रत्यर्पण करवाकर भारत लाया गया है. फिलहाल वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में है और उससे जांच एजेंसी लगातार पूछताछ कर रही है. बता दें कि भारत ने पहली बार 26/11 हमलों से जुड़ा पहला प्रत्यर्पण किया है. NIA इसके जरिए मुंबई हमले में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने की योजना बना रही है. 

कई राज से पर्दा उठाएंगे जवाब 
भारतीय अधिारियों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना का पूर्व डॉक्टर तहव्वुर राणा लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान के डीप स्टेट के बीच सीधे संबंधों को उजागर कर सकता है. इससे न केवल 26/11 के पीड़ितों के परिवारवालों को न्याय मिलने की उम्मीद है बल्कि इससे भारत को UN सिक्योरिटी काउंसिल जैसे ग्लोबल स्टेज पर यह मैसेज भेजने का भी मौका मिलेगा कि किसी मुल्क के द्वारा स्पॉन्सर किया हुआ आतंकवाद समय के साथ समाप्त नहीं होगा. 

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बेनकाब होगा पाकिस्तान

पाकिस्तान ने हमले से जुड़े आतंकी हाफिज सईद, जकी-उर-रहमान लखवी और ISI के मेजर इकबाल या साजिद मीर जैसे मास्टरमाइंड को भारत को नहीं सौंपा. जब उसे पता चला कि राणा का प्रत्यर्पण उसके झूठ को उजागर कर सकता है तो उसने पहले से ही खुद को उससे अलग कर लिया है. पाकिस्तान ने कहा कि तहव्वुर राणा कनाडाई नागरिक बन चुका है. उसने पिछले 2 दशकों से अपने पाकिस्तानी मूल के डॉक्यूमेंट्स के रीन्यू करवाने के लिए कोई आवेदन नहीं दिया है, हालांकि अब पाकिस्तान के लिए खुद को 26/11 हमलों से अलग करना आसान नहीं होगा. अमेरिका के साथ भारत के संबंधों ने राणा के प्रत्यर्पण को आसान बनाया. NIA के साल 2020 में आधिकारिक तौर पर याचिका दायर करने के बाद राणा ने 5 साल तक प्रत्यर्पण की लड़ाई लड़ी. फिलाहल NIA राणा से यह जानने में लगी है कि उसने अपने भारत दौरे में मुंबई के अलावा किन शहरों में हमले की योजना बनाई थी. 

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राणा को लेकर राजनीति
कांग्रेस ने राणा को 26/11 हमलों का मामूली खिलाड़ी बताकर खारिज कर दिया था तो वहीं अब यह कहकर उलझन में पड़ी है कि राणा के प्रत्यर्पण की नींव UPA के कार्यकाल में रखी गई थी. वहीं दूसरी ओर भाजपा ने इसे पीएम मोदी की और कूटनीतिक और रणनीतिक सफलता बताया है. भाजपा ने मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान के खिलाफ अच्छे से कार्रवाई न करने के लिए कांग्रेस पर निशाना भी साधा है. 

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