trendingNow12865302
Hindi News >>देश
Advertisement

और कितना सुबूत चाहिए? पहलगाम के जिस आतंकी को सेना ने मारा.. PoK में उसके लिए क्या-क्या हुआ

Operation Mahadev: भारत लंबे समय से जिस पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की बात करता रहा है. अब उसके पक्के सबूत दुनिया के सामने खुद ब खुद आ रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकी संगठनों पर भारत की कार्रवाई जारी है.

और कितना सुबूत चाहिए? पहलगाम के जिस आतंकी को सेना ने मारा.. PoK में उसके लिए क्या-क्या हुआ
Gaurav Pandey|Updated: Aug 03, 2025, 06:53 AM IST
Share

Terrorist Funeral in PoK: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी. इसके बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन महादेव’ चलाकर हमले में शामिल तीन आतंकियों को मार गिराया. इन्हीं में से एक था ताहिर हबीब जो लश्कर ए तैयबा का सक्रिय आतंकी था. अब उसी ताहिर के लिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर PoK के रावलकोट में शोक सभा हुई है. यहां के खाई गला गांव में जनाजा ए गायब यानि कि बिना शव के अंतिम संस्कार किया गया है. ऐसे में क्लियर है कि ये सब पाकिस्तान की करतूत है. पहलगाम में ये पाकिस्तान की संलिप्तता का एक और प्रमाण है.

पाकिस्तान सेना का पूर्व सैनिक...
असल में ताहिर हबीब ए कैटेगरी का वांछित आतंकी था. वह पाकिस्तान सेना का पूर्व सैनिक और लश्कर का प्रशिक्षित ऑपरेटिव भी था. उसकी शोक सभा के वीडियो टेलीग्राम चैनलों पर वायरल हो गए हैं जिनमें गांव के बुज़ुर्ग शामिल हुए थे. हालांकि सभा में उस वक्त तनाव पैदा हो गया जब स्थानीय लश्कर कमांडर रिजवान हनीफ जबरन शामिल होने की कोशिश करने लगा. लेकिन ताहिर के परिवार ने साफ तौर पर आतंकियों की उपस्थिति का विरोध किया. PoK के लोग भी आतंकियों और उनके आकाओं से तंग आ चुके हैं.

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक लश्कर के लोगों ने जनाजे में शामिल mourners को बंदूक दिखाकर डराने की कोशिश की जिसके चलते गांव वालों में आक्रोश फैल गया. खाई गला के लोग पहले से कट्टरपंथी गतिविधियों से परेशान हैं. वे अब सार्वजनिक रूप से आतंकियों का बहिष्कार करने की योजना बना रहे हैं. यह घटनाक्रम पाकिस्तान के State प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ PoK में बढ़ते जनविरोध को उजागर करता है.

दस्तावेजों में उसका नाम 'अफगानी'
ताहिर की पृष्ठभूमि भी संदिग्ध रही है. वह पहले इस्लामी जमीयत ए तलबा (IJT) और स्टूडेंट लिबरेशन फ्रंट (SLF) से जुड़ा था. बाद में पाकिस्तानी सेना में भर्ती हुआ और फिर लश्कर का सदस्य बना. अफगान मूल के सदोजई पठान समुदाय से ताल्लुक रखने के चलते खुफिया दस्तावेजों में उसका नाम 'अफगानी' के रूप में दर्ज था. बताया जाता है कि यही समुदाय 18वीं सदी में अफगानिस्तान से पलायन कर POK के पूंछ इलाके में बसा था और विद्रोहों में भी सक्रिय रहा.

फिलहाल इधर ऑपरेशन सिंदूर के बाद लश्कर जैसे आतंकी संगठनों पर भारत की कार्रवाई जारी है. इसका असर अब पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों तक है. वहां के आम नागरिक अब आतंकियों के खिलाफ खड़े हो रहे हैं और उन्हें भगाने लगे हैं. 

FAQ
Q1: पहलगाम हमले में कितने लोग मारे गए थे?
Ans: इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी.

Q2: ताहिर हबीब कौन था?
Ans: ताहिर हबीब लश्कर ए तैयबा का आतंकी और पाकिस्तान सेना का पूर्व जवान था.

Q3: सेना ने उसे कब और कहां मारा?
Ans: भारतीय सेना ने उसे 'ऑपरेशन महादेव' के दौरान श्रीनगर में मुठभेड़ में मार गिराया.

Read More
{}{}