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महिला ने 300 लीटर ब्रेस्ट मिल्क दान कर बनाया नेशनल रिकॉर्ड, सैकड़ों नवजात की बचाई जान

Breast Milk Donation:  त्रिची एक महिला ने 22 महीने तक कुल 300 लीटर ब्रेस्ट मिल्क दान देकर सैकड़ों बच्चों की जान बचाई है. इसको लेकर महिला की सराहना की जा रही है.  

महिला ने 300 लीटर ब्रेस्ट मिल्क दान कर बनाया नेशनल रिकॉर्ड, सैकड़ों नवजात की बचाई जान
Shruti Kaul |Updated: Aug 06, 2025, 02:26 PM IST
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Woman Donates Breast Milk: तमिलनाडु के त्रिची में रहने वाली एक महिला ने 22 महीने तक कुल 300 लीटर ब्रेस्ट मिल्क दान किया है. महिला का नाम सेल्वा ब्रिंदा है, जो मूल रूप से त्रिची की कातूर में रहती हैं. उनके इस योगदान ने न केवल उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सराहना दिलाई बल्कि कई नवजात शिशुओं की जान भी बचाई. ब्रिंदा ने महात्मा गांधी मेमोरियल सरकारी अस्पताल के दूध बैंक को अप्रैल 2023 से फरवरी 2025 तक कुल 300 लीटर और 170 मिलीलीटर स्तनपान दूध दान किया. यह योगदान उन्हें भारत की सबसे बड़ी दूध दाता मां बना चुका है.  

ब्रिंदा ने दान किया स्तनपान दूध 
ब्रिंदा की प्रेरणा उनकी व्यक्तिगत जीवन यात्रा से जुड़ी है. उनकी बेटी को जन्म के तुरंत बाद नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में भर्ती किया गया था, जहां उन्होंने देखा कि स्तनपान दूध ने उनकी बेटी की सेहत में कितना अहम योगदान दिया. इसी अनुभव ने उन्हें दूसरों के लिए भी यह अमूल्य उपहार देने के लिए प्रेरित किया. उनकी यह पहल अमृतम फाउंडेशन के सहयोग से संभव हो सकी.  

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संस्था ने पहुंचाई मदद 
अमृतम फाउंडेशन तमिलनाडु बेस्ड एक  NGO है, जो ब्रेस्टमिल्क के डोनेशन को बढ़ावा देने, जागरूकता फैलाने और सुरक्षित वितरण सुनिश्चित करने के लिए काम करती है. फाउंडेशन दूध को इकट्ठा करने के बाद उसकी जांच करता है फिर उसे पाश्चराइजेशन के बाद अस्पतालों तक पहुंचाने का काम करता है. बता दें कि भारत में अभी भी स्तनपान दूध दान को लेकर जागरूकता की कमी और सामाजिक संकोच बना हुआ है, लेकिन ब्रिंदा की कहानी इस सोच को बदलने की दिशा में एक मजबूत कदम है. उन्होंने कहा,' माताओं को आगे आकर स्तनपान दूध दान करना चाहिए. यह कमजोर और समय से पहले जन्मे बच्चों की जान बचा सकता है.'  

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लोगों के लिए प्रेरणा है ब्रिंदा की कहानी 
ब्रिंदा का योगदान सैकड़ों नवजातों के लिए जीवनदायिनी साबित हुआ है. इससे पहले का रिकॉर्ड 154 लीटर था, जिसे ब्रिंदा ने लगभग दोगुना कर दिया. यह दिखाता है कि एक व्यक्ति की निरंतरता और समर्पण से कितनी बड़ी सामाजिक क्रांति संभव है. ब्रिंदा की यह कहानी न केवल मातृत्व की शक्ति को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि जब सामाजिक संस्थाएं और व्यक्ति मिलकर काम करें, तो नवजातों के जीवन को बचाने में चमत्कार संभव है.  

F&Q  

सेल्वा ब्रिंदा ने कितना ब्रेस्ट मिल्क दान किया है? 
सेल्वा ब्रिंदा ने 22 महीनों में कुल 300 लीटर और 170 मिलीलीटर ब्रेस्ट मिल्क दान किया है, जो उन्हें भारत की सबसे बड़ी दूध दाता मां बनाता है. 

सेल्वा ब्रिंदा को ब्रेस्ट मिल्क दान करने के लिए किसने प्रेरित किया? 
उनकी बेटी को जन्म के बाद नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में भर्ती किया गया था, जहां उन्होंने देखा कि स्तनपान दूध ने उनकी बेटी की सेहत में कितना अहम योगदान दिया. इसी अनुभव ने उन्हें दूसरों के लिए भी यह अमूल्य उपहार देने के लिए प्रेरित किया. 

सेल्वा ब्रिंदा का ब्रेस्ट मिल्क दान करने का मकसद क्या है? 
उनका मकसद कमजोर और समय से पहले जन्मे बच्चों की जान बचाना है, और उनकी कहानी इस सोच को बदलने की दिशा में एक मजबूत कदम है. 

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