trendingNow12658140
Hindi News >>देश
Advertisement

पानी, कीचड़ और... मुश्किल में 8 जानें, सुरंग के 13Km अंदर क्या चल रहा? सरकार की फूली सांसें

Telangana Tunnel Accident Updates: तेलंगाना में टनल के अंदर फंसे मजदूरों को लेकर अभी कोई राहत की खबर नहीं आई है. यहां तक कि तेलंगाना के मंत्री जे कृष्णा ने तो यहां तक कह दिया है कि फंसे हुई मजदरों के बचने की संभावना बहुत कम है. 

पानी, कीचड़ और... मुश्किल में 8 जानें, सुरंग के 13Km अंदर क्या चल रहा? सरकार की फूली सांसें
Tahir Kamran|Updated: Feb 24, 2025, 07:06 AM IST
Share

Telangana: तेलंगाना में हुए टनल हादसे को दो दिन पूरे होने वाले हैं लेकिन अभी तक कोई भी खुशखबरी सामने नहीं आई है. सभी 8 मजदूर फंसे टनल के अंदर फंसे हुए हैं. तेलंगाना के मंत्री जे कृष्णा राव ने कहा कि टनल के ढहने के बाद उसमें फंसे आठ मजदूरों के बचने की संभावना बहुत कम है. सरकार ने भारतीय सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों को बचाव कार्य में लगाया है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. टनल में बहुत ज्यादा कीचड़ जमा हो गया है, जिससे वहां पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है. बचावकर्मी रबर ट्यूब और लकड़ी के सहारे आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. मंत्री ने बताया कि कुछ मजदूर तैरकर बच निकले थे.

शनिवार सुबह टनल में 70 लोग काम कर रहे थे. ज़्यादातर लोग अंदर बनी ट्रेन से बाहर निकल आए, लेकिन आखिरी 200 मीटर की टनल पानी और मिट्टी से भर गई. बचाव कार्य में कई दिक्कतें आ रही हैं. टनल में भारी मशीनरी ले जाना मुश्किल हो रहा है. बचावकर्मी 13 किलोमीटर अंदर तक गए लेकिन किसी से कोई जवाब नहीं मिला. वहां 2 किलोमीटर तक पानी भरा है, जिससे मशीनें वहां तक नहीं पहुंच पा रहे. सरकार और बचाव दल लगातार कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है.

टनल में फंसे मजदूरों की पहचान

फंसे हुए लोगों की पहचान उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्रीनिवास, जम्मू-कश्मीर के सन्नी सिंह, पंजाब के गुरप्रीत सिंह और झारखंड के संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू के तौर पर हुई है. इन 8 लोगों में से दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर हैं.

बचाव टीम में कितने लोग?

बचाव अभियान की निगरानी कर रहे नागरकुरनूल के जिलाधिकारी बी. संतोष का कहना है कि एनडीआरएफ की चार टीमें - एक हैदराबाद से और तीन विजयवाड़ा से - जिनमें 138 सदस्य हैं, सेना के 24 कर्मी, एसडीआरएफ के कर्मी, एससीसीएल के 23 सदस्य उपकरणों के साथ बचाव अभियान में लगे हुए हैं. उन्होंने रविवार दोपहर को कहा,'अभी तक हमारा उनसे (फंसे हुए लोगों से) कोई संपर्क नहीं हो पाया है.'

कैसे फंसे मजदूर?

टनल से बचकर निकलने वाले वेल्डर संजय साह ने कहा कि फंसे हुए आठ लोगों ने भी उनकी तरह ही यह काम चुना, यह जानते हुए भी कि यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे उनके परिवार का गुजारा चलता है. उन्होंने बताया कि वे अक्सर टनल में पानी रिसने की घटनाओं के बारे में चर्चा करते थे, लेकिन मजबूरी में यह काम करना पड़ता है.

रात की शिफ्ट वालों ने किया था अलर्ट

संजय साह उन 50 लोगों में थे जो शनिवार सुबह 7 बजे टनल में गए थे. थोड़ी देर बाद टनल की छत का एक हिस्सा 13.5 किलोमीटर अंदर गिर गया. संजय और 41 अन्य लोग भागकर सुरक्षित बाहर निकल आए लेकिन बाहर आने के बाद ही उन्हें पता चला कि आठ मजदूर अंदर ही रह गए हैं. रात की शिफ्ट के मजदूरों ने पहले ही बताया था कि टनल में पानी रिस रहा है, लेकिन ऐसा पहले भी कई बार हो चुका था, इसलिए वे सावधानी बरतते हुए अंदर गए. लगभग एक घंटे में वे 13 किलोमीटर तक अंदर पहुंचे.

कैसे गिरी टनल?

संजय ने बताया कि 15-20 मिनट बाद मिट्टी गिरने लगी. वे घटना स्थल से सिर्फ 20 मीटर दूर थे. शिफ्ट इंचार्ज ने सभी को बाहर निकलने को कहा और अलार्म बजाया गया. सभी दौड़ने लगे. कुछ ही मिनटों में एक ज़ोरदार आवाज आई और टनल का एक हिस्सा ढह गया. बाहर आने के बाद जब अटेंडेंस रजिस्टर देखा गया तो तब पता चला कि आठ लोग अंदर ही फंसे रह गए हैं.

Read More
{}{}