Mamata Banerjee Meeting: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election 2026) से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) में मंथन चल रहा है. इसके तहत पार्टी अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की एक वर्चुअल बैठक बुलाई थी. 12 मिनट की बैठक में ममता बनर्जी ने बड़ा फैसला किया और अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में पार्टी का नेता बना दिया.
ममता बनर्जी को क्यों अचनाक लेना पड़ा ये फैसला?
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, 'मैंने आज तृणमूल कांग्रेस के सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की एक वर्चुअल बैठक बुलाई. चूंकि हमारे लोकसभा नेता सुदीप बंद्योपाध्याय अस्वस्थ हैं और उनका इलाज चल रहा है, इसलिए सांसदों ने सर्वसम्मति से अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में पार्टी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी है, जब तक कि सुदीप दा स्वस्थ नहीं हो जाते.' उन्होंने आगे कहा कि हम सुदीप दा के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं और संसदीय कार्यवाही के उनके अनुभव और गहन ज्ञान से समृद्ध उनके निरंतर मार्गदर्शन की आशा करते हैं.
सिर्फ 12 मिनट चली ममता बनर्जी की बैठक
ममता बनर्जी की टीएमसी के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ बैठक सिर्फ 12 मिनट चली और नतीजा ये हुआ कि कल्याण बनर्जी को पार्टी के मुख्य सचेतक (Chief Whip) पद से हटा दिया गया, जबकि संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय को भी बाहर कर दिया गया और अभिषेक बनर्जी को संसदीय दल का नेता घोषित किया गया.
अभिषेक चाहते थे हटाए जाएं सुदीप और कल्याण बनर्जी
रिपोर्ट्स के अनुसार, अभिषेक बनर्जी चाहते थे कि सुदीप बंदोपाध्याय और कल्याण बनर्जी को उनके पदों से हटाया जाए. बता दें कि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक को व्यापक रूप से उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है. बैठक में केवल कल्याण बनर्जी से ही बात करने की योजना थी, लेकिन जब ममता बनर्जी ने कल्याण बनर्जी की भूमिका की आलोचना की और कहा कि काकोली दस्तीदार को उपनेता के रूप में अपनी वर्तमान भूमिका के साथ-साथ और भी जिम्मेदारियां संभालने के लिए कहा गया है. इस पर कल्याण बनर्जी भड़क गए और उन्होंने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने सार्वजनिक रूप से भी कई तीखी टिप्पणियां भी कीं. इसके बाद सुदीप बंदोपाध्याय पर भी एक्शन हो गया और उन्हें भी पद से हटा दिया गया.
अभिषेक बनर्जी सुलझाएंगे नेताओं की नाराजगी का मुद्दा
ममता बनर्जी और उनके भतीजे दोनों नाराज बताए जा रहे हैं, लेकिन पार्टी की युवा ब्रिगेड के नेता माने जाने वाले अभिषेक बनर्जी ने शांति की पहल की है और वादा किया है कि इस हफ्ते के अंत में दिल्ली आने पर वह कल्याण बनर्जी से मिलेंगे. अभिषेक 7 अगस्त को कल्याण बनर्जी के अलावा महुआ मोइत्रा से भी मिलेंगे और दोनों के बीच मुद्दे को सुलझाएंगे.
ममता बनर्जी बंगाल तो अभिषेक दिल्ली में संभालेंगे कमान
अभिषेक बनर्जी के राष्ट्रीय राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है, जिसमें बंगाल और राज्य के लोगों से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. वहीं, ममता बनर्जी पार्टी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बनी रहेंगी. सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बीच एक समय मतभेद था, जो अब खत्म हो गया है. दोनों ने हाल ही में मुलाकात भी की थी. सूत्रों के अनुसार, यह धारणा बढ़ रही है कि दिल्ली में बंगाल और टीएमसी की छवि धूमिल हो रही है. ऐसे में एक परिपक्व नेता की जरूरत है जो सुसंगत हो और पार्टी लाइन तय करने में सक्षम हो. ऐसे में अब दिल्ली में पार्टी के नेता अभिषेक बनर्जी के साथ मिलकर काम करेंगे और पार्टी को इंडिया ब्लॉक में एक प्रमुख स्थान दिलाने में मदद करेंगे.
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