व्हाट्सएप लीक से TMC में खलबली मची है. एक सांसद पर कार्रवाई की मांग हो रही है. मामला अब ममता बनर्जी के पास पहुंच गया है. तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने बताया है कि कल्याण बनर्जी के साथ बहस के बाद लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा को रोते हुए देखा गया. उन्होंने व्यवहार पर सवाल उठाते हुए मांग की है कि बनर्जी को सदन में पार्टी के मुख्य सचेतक पद से हटा दिया जाना चाहिए. उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कुछ ऐसे कथित वीडियो और व्हाट्सएप चैट सामने आए हैं, जिनमें कीर्ति आजाद समेत तृणमूल सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक नजर आ रही है. आजाद इसमें बनर्जी को संयम बरतने की सलाह देते हुए दिख रहे हैं. वीडियो में एक जगह सुना जाता है - 'तुम क्या समझ रहा मुझको.'
भाजपा ने कौन सा वीडियो शेयर किया?
सौगत रॉय ने बनर्जी पर ‘असभ्य’ जैसा बर्ताव करने का आरोप लगाया और कहा कि वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक के दौरान श्रीरामपुर के सांसद (बनर्जी) ने एक बोतल तोड़ दी थी और उसे समिति के अध्यक्ष पर फेंक दिया था. भाजपा नेता अमित मालवीय ने कुछ वीडियो साझा किए हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि कथित तौर पर बनर्जी निर्वाचन आयोग के कार्यालय में प्रवेश करते समय अपने सहयोगियों पर चिल्ला रहे हैं, जबकि पार्टी नेता उन्हें शांत करने का प्रयास कर रहे हैं.
Soon after the public spat between two TMC MPs in the precincts of the Election Commission of India on 4th April 2025, the irate MP continued slandering the ‘Versatile International Lady (VIL)’…
This is the stuff legends are made of! pic.twitter.com/dsubQrmQUj
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 8, 2025
तृणमूल के एक सूत्र के अनुसार यह विवाद चार अप्रैल को तब हुआ जब तृणमूल नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने ‘डुप्लीकेट वोटर आईडी’ नंबरों को लेकर निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की. उसके बाद संसद तक मार्च भी निकाला. सूत्र ने कहा कि बनर्जी को एक ज्ञापन पर तृणमूल सांसदों के हस्ताक्षर लेने का काम दिया गया था और यह ज्ञापन पार्टी को निर्वाचन आयोग को सौंपना था. सूत्र ने कहा कि मोइत्रा ने आरोप लगाया था कि उनसे हस्ताक्षर नहीं लिया गया. मोइत्रा ने निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर बनर्जी की आलोचना की थी. दोनों सांसदों के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया. बनर्जी ने दावा किया कि मोइत्रा ने निर्वाचन आयोग कार्यालय में सुरक्षाकर्मियों से उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कहा था.
टीएमसी के आंतरिक मामले लीक
रॉय ने कहा, ‘जब कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा के बीच यह विवाद हुआ तब मैं वहां नहीं था. मैं विजय चौक पर था और यह विवाद निर्वाचन आयोग कार्यालय के सामने हुआ. मैंने महुआ को रोते हुए और कल्याण के व्यवहार के बारे में अन्य पार्टियों के कई सांसदों से शिकायत करते हुए देखा.’ उन्होंने कहा, ‘जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है.’ उन्होंने कहा कि पार्टी के आंतरिक मामले लीक हो रहे हैं. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि मोइत्रा ने उन्हें सीधे तौर पर कुछ नहीं बताया.
रॉय ने कहा, ‘उन्होंने एक अन्य सांसद से कहा कि उन्होंने (बनर्जी ने) असभ्य तरीके से व्यवहार किया.’ उन्होंने कहा कि संसद के निम्न सदन में पार्टी के मुख्य सचेतक (बनर्जी) अपने असंयमित एवं असभ्य बर्ताव के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कल्याण बनर्जी ने जो कुछ भी कहा है, उसका जवाब देना मेरी गरिमा के खिलाफ है. उनका असभ्य व्यवहार कई बार हमारे ध्यान में आया है. उन्होंने (केंद्रीय मंत्री) ज्योतिरादित्य सिंधिया को 'लेडी किलर' कहा और बाद में उनसे माफ़ी भी मांगी.’
सौगत रॉय ने पत्रकारों से कहा, ‘वक्फ पर जेपीसी की बैठक के दौरान, उन्होंने एक बोतल तोड़ दी और समिति के अध्यक्ष पर फेंक दी. कल्याण अपने असंयमित और असभ्य व्यवहार के लिए जाने जाते हैं. अब तक, मैंने इसके बारे में नहीं बोला क्योंकि यह मेरी गरिमा के खिलाफ है. मैंने आपसे सुना है कि उन्होंने मेरे खिलाफ कुछ कहा है और इसलिए मैंने जवाब दिया है.’
उन्होंने कहा कि कल्याण बनर्जी को लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक के पद से हटा दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं इसे (तृणमूल सुप्रीमो) ममता बनर्जी के निर्णय पर छोड़ता हूं.’ मालवीय द्वारा एक्स पर साझा किए गए व्हाट्सएप संदेशों के ‘स्क्रीनशॉट’ से पता चलता है कि बनर्जी का दुर्गापुर से पार्टी सांसद कीर्ति आज़ाद के साथ भी झगड़ा हुआ था. यह संदेश कथित तौर पर तृणमूल सांसदों के एक ग्रुप चैट से है.
बनर्जी ने क्या कहा?
कल्याण बनर्जी ने स्वीकार किया कि बहस हुई थी, लेकिन उन्होंने इसका ठीकरा महिला सांसद पर फोड़ा. उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले 40 साल से राजनीति में हूं. यह महिला सांसद निर्वाचन आयोग के बाहर सुरक्षाकर्मियों से मुझे गिरफ्तार करने के लिए कह रही थीं. वे मुझे जेल भेजने वाले कौन होते हैं? उन्होंने (महिला सासंद ने) मुझे गालियां दीं. यह मैं ही हूं जो संसद में संघर्ष करता है. मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो केवल एक विशिष्ट औद्योगिक घराने से ही प्रभावित हो.’
उन्होंने कहा, ‘सिर्फ इसलिए कि महिला सांसद धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलती हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वह किसी का अपमान कर सकती हैं.’ बनर्जी लोकसभा में तृणमूल के मुख्य सचेतक भी हैं. तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि यह मामला पार्टी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक पहुंचा दिया गया है. बताया जा रहा है कि विवाद के बाद महिला सांसद ने व्हाट्सऐप ग्रुप छोड़ दिया और ममता बनर्जी और तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी को पत्र भेजा है.
इनसाइड स्टोरी
1. यह बहस पिछले सप्ताह तब हुई जब पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन सौंपने निर्वाचन आयोग गया था.
2. तृणमूल प्रतिनिधिमंडल के निर्वाचन आयोग कार्यालय पहुंचने के बाद ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को लेकर कल्याण बनर्जी की महिला सांसद के साथ बहस हो गई.
3. इसके बाद उन्होंने (महिला सांसद ने) सुरक्षाकर्मियों से हस्तक्षेप करने को कहा और उनके यानी महिला सांसद के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की.
4. बाद में दोनों सांसदों ने इस घटना के बारे में ममता बनर्जी से मौखिक शिकायत दर्ज कराई.
5. मामला तब और बढ़ गया जब कल्याण बनर्जी और कीर्ति आज़ाद के बीच सांसदों के व्हाट्सएप ग्रुप में बहस हुई.
बनर्जी ने दावा किया, ‘दरअसल यह कीर्ति आज़ाद ही थे जिन्होंने मुझे उकसाया. वह मुझे इसपर उपदेश दे रहे थे कि मुझे क्या करना है. उन्होंने व्हाट्सएप चैट लीक किया.’ तृणमूल के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने कल्याण बनर्जी पर पार्टी की छवि खराब करने का आरोप लगाया. (भाषा इनपुट)
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