Today History 1 August 1920: भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी नींव बहुत पहले रख दी गई थी. 1 अगस्त 1920 एक ऐसी ही ऐतिहासिक तारीख है, जब महात्मा गांधी ने कुछ ऐसा किया था और उनके एक कदम ने अंग्रेजी शासन को अंदर तक हिला दिया था. 1 अगस्त 1920 वो दिन था, जब गांधीजी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी. इस आंदोलन ने देशव्यापी विरोध की लहर पैदा कर दी और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी. महात्मा गांधी का यह आंदोलन ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ एक अहिंसक प्रतिरोध का प्रतीक बना, जिसने भारतीय जनमानस को एकजुट कर स्वराज की मांग को सशक्त किया और अंग्रेजी शासन की नींव हिल गई.
तब शुरू हुआ ब्रिटिश शासन का बहिष्कार...
जब 'असहयोग आंदोलन' की शुरुआत 1 अगस्त 1920 को हुई, तब अंग्रेजों के खिलाफ भारतीय एकजुट हो गए. यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीतियों, विशेष रूप से रॉलेट एक्ट (1919) और जलियांवाला बाग नरसंहार (1919) के विरोध में शुरू किया गया. महात्मा गांधी का मानना था कि ब्रिटिश शासन भारतीयों के सहयोग के बिना नहीं चल सकता, इसलिए उन्होंने अहिंसक तरीके से ब्रिटिश शासन का बहिष्कार करने का आह्वान किया. इस आंदोलन को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और खिलाफत आंदोलन (मुस्लिम समुदाय द्वारा प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की के खलीफा के समर्थन में शुरू) का समर्थन प्राप्त था. इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश शासन का अहिंसक तरीके से विरोध करना, स्वराज की प्राप्ति, भारतीयों में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देना और हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत करना था.
इस आंदोलन के दौरान लोगों से ब्रिटिश सरकार द्वारा दी गई उपाधियां और सम्मान वापस करने को कहा गया. साथ ही ब्रिटिश सरकार द्वारा संचालित स्कूलों और कॉलेजों का बहिष्कार किया गया. इसके अलावा, विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार कर खादी और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने पर जोर दिया गया. इस आंदोलन का प्रभाव लोगों पर ऐसा पड़ा कि उन्होंने पूरे देश में ब्रिटिश शासन के खिलाफ जागरूकता पैदा की. लाखों भारतीयों, विशेषकर मध्यम वर्ग, किसानों और छात्रों ने इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया. इससे हिंदू-मुस्लिम एकता को भी बढ़ावा मिला, जो उस समय एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी. इस आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार को पहली बार भारतीयों की एकजुट शक्ति का अहसास कराया.
1922 में महात्मा गांधी ने क्यों स्थगित कर दिया आंदोलन?
साल 1922 में उत्तर प्रदेश के चौरी-चौरा में एक हिंसक घटना (पुलिस चौकी पर हमला और पुलिसकर्मियों की हत्या) के बाद महात्मा गांधी ने आंदोलन को 12 फरवरी 1922 को स्थगित कर दिया. महात्मा गांधी के इस निर्णय से कुछ कांग्रेसी नेता निराश हुए, लेकिन गांधीजी ने अहिंसा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्राथमिकता दी. असहयोग आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नया अध्याय जोड़ा. इसने महात्मा गांधी को राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित किया और अहिंसा के सिद्धांत को विश्व स्तर पर प्रचारित किया. यह आंदोलन बाद के आंदोलनों- जैसे सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन की नींव भी बना.
असहयोग आंदोलन: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. असहयोग आंदोलन की शुरुआत कब और क्यों हुई?
असहयोग आंदोलन की शुरुआत 1 अगस्त 1920 को महात्मा गांधी ने की थी. गांधीजी का मानना था कि ब्रिटिश शासन भारतीयों के सहयोग के बिना नहीं चल सकता, इसलिए उन्होंने अहिंसक तरीके से ब्रिटिश शासन का बहिष्कार करने का आह्वान किया.
2. असहयोग आंदोलन के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
इस आंदोलन के मुख्य उद्देश्य थे: ब्रिटिश शासन का अहिंसक तरीके से विरोध करना, स्वराज की प्राप्ति, भारतीयों में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देना, और हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत करना.
3. असहयोग आंदोलन के दौरान लोगों से क्या अपेक्षाएं थीं?
लोगों से अपेक्षा की गई थी कि वे ब्रिटिश सरकार द्वारा दी गई उपाधियां और सम्मान वापस करें, ब्रिटिश सरकार द्वारा संचालित स्कूलों और कॉलेजों का बहिष्कार करें, और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार कर खादी और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाएं.
4. असहयोग आंदोलन का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
इस आंदोलन ने पूरे देश में ब्रिटिश शासन के खिलाफ जागरूकता पैदा की. लाखों भारतीयों ने इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया, जिससे ब्रिटिश सरकार को पहली बार भारतीयों की एकजुट शक्ति का अहसास हुआ.
5. महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन क्यों स्थगित कर दिया था?
1922 में उत्तर प्रदेश के चौरी-चौरा में पुलिस चौकी पर हुई हिंसा के बाद महात्मा गांधी ने 12 फरवरी 1922 को आंदोलन को स्थगित कर दिया, क्योंकि वे अहिंसा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्राथमिकता देते थे.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)
Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.