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26 जनवरी परेड पर कितना पैसा खर्च करती है सरकार? टिकट से कमाई का आंकड़ा भी जान लीजिए

Republic Day Parade: गणतंत्र दिवस पर हर साल परेड होती है, आपने कई बार देखी भी होगी, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस परेड पर कितना खर्च होता है? अगर नहीं तो फिर आज हम आपको बताने जा रहे हैं. 

26 जनवरी परेड पर कितना पैसा खर्च करती है सरकार? टिकट से कमाई का आंकड़ा भी जान लीजिए
Tahir Kamran|Updated: Jan 25, 2025, 01:30 PM IST
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Republic Day Parade: भारत 26 जनवरी 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. गणतंत्र दिवस 1950 में संविधान को ऐतिहासिक रूप से अपनाने का प्रतीक है, जिसने देश को गणतंत्र घोषित किया. हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में कर्त्तव्य पथ (पहले राजपथ) पर एक भव्य परेड होती है. इस वर्ष के गणतंत्र दिवस का विषय 'स्वर्णिम भारत - विरासत और विकास' है. इस साल यह परेड सुबह साढ़े बजे शुरू होगी. परेड राष्ट्रपति भवन के पास रायसीना हिल से शुरू होकर कर्त्तव्य पथ, इंडिया गेट से होते हुए लाल किले तक जाएगी.

600 घंटे होती है प्रेक्टिस

इसके अलावा केंद्र सरकार के ज़रिए किसी राष्ट्राध्यक्ष को गणतंत्र दिवस परेड के लिए चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया जाता है. इस साल इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो को परेड के मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया है. गणतंत्र दिवस समारोह और परेड की तैयारी एक साल पहले जुलाई में शुरू हो जाती है. प्रतिभागियों को केंद्र के ज़रिए उनकी भूमिकाओं के बारे में बताया जाता है. हिस्सा लेने वालों के ज़रिए 600 घंटे से ज्यादा की प्रेक्टिस की जाती है. 

टिकट से भी होती है लाखों की कमाई

परेड में शामिल होने के इच्छुक लोगों के लिए रक्षा मंत्रालय टिकट बुकिंग के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प प्रदान करता है. इस आयोजन से होने वाली कमाई का एक बड़ा हिस्सा टिकटों से आता है. एक आरटीआई से पता चला है कि केंद्र ने 1999 में टिकट बिक्री से 10 लाख 45 हजार 720 रुपये कमाए, जो 2008 में बढ़कर ₹17 लाख 63 हजार 021 हो गए.

परेड पर कितना होता है खर्च?

द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021-22 के लिए डिफेंस डिपार्टमेंट के समारोह प्रभाग को 1 करोड़ 32 लाख 53 हजार रुपये अलॉट किए गए थे लेकिन समारोहों पर हुए कुल खर्च के बारे में कुछ नहीं बताया. रिपोर्ट में कहा गया है कि टिकट बिक्री से केंद्र ने 2018-2020 के बीच औसतन 34 लाख रुपये की कमाई की है. हालांकि ऐसे समारोहों पर अलॉट और खर्च किए गए सटीक आंकड़े अभी आधिकारिक तौर पर सामने नहीं आए हैं.

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