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उत्तरकाशी में तबाही के बीच शिमला का मौसम क्यों सर्च कर रहे लोग? ये है वहां की स्थिति

Shimla Weather: लोग शिमला का मौसम सर्च कर रहे हैं. यह सब तब हुआ जब उत्तरकाशी और आसपास के इलाकों से आए वीडियोज में दिख रहा है कि तमाम पर्यटक बह गए. भूस्खलन की वजह से कई कैंप तबाह हो गए.

File Photo
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Gaurav Pandey|Updated: Aug 06, 2025, 11:01 AM IST
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Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भीषण तबाही के बाद अब रेस्क्यू अभियान तेजा है. धराली गांव में खीर गंगा नदी के पास बादल फटने की घटना से पूरा देश हैरान है. इसमें कई लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं. सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और आईटीबीपी की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. कुछ जवान भी लापता बताए जा रह हैं. खराब मौसम और लगातार बारिश के कारण गंगोत्री राजमार्ग पर कई जगहों पर रास्ते बंद हैं. जिससे बचाव कार्यों में बाधा आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. इसी बीच ट्रेंड में यह सामने आया कि लोग शिमला का मौसम सर्च कर रहे हैं.

अचानक शिमला का मौसम क्यों सर्च कर रहे लोग?
असल में उत्तरकाशी और आसपास के इलाकों से आए वीडियोज में दिख रहा है कि तमाम पर्यटक बह गए. भूस्खलन की वजह से कई कैंप तबाह हो गए. यहां तक कि उत्तरकाशी से भटवारी को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग भूस्खलन के कारण धंस गया है. उसे अब दोबारा खोलने की कोशिश जारी है. कई ITBP और एम्बुलेंस की गाड़ियां अब भी रास्ते में फंसी हुई हैं. जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. ऐसे में लोग अब शिमला का मौसम सर्च कर रहे हैं. 

शिमला की मौजूदा स्थिति क्या है?
शिमला की बात करें तो IMD के मुताबिक शिमला सहित हिमाचल के अन्य हिस्सों में 4 से 8 अगस्त तक भारी बारिश की संभावना है. तापमान 15°C से 23°C के बीच रहने की संभावना है. हल्की हवाओं के साथ 60-90 प्रतिशत बारिश की संभावना है. IMD ने मंडी और ऊना के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. जबकि 7 अगस्त को सिरमौर जिले के लिए भारी बारिश का अलर्ट है. उत्तरकाशी को देखते हुए स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को भूस्खलन और बाढ़ के खतरे के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी गई है.

देश भर में मानसून अपने चरम पर
सिर्फ उत्तराखडं और हिमाचल ही नहीं देश भर में मानसून अपने चरम पर है. देश के कई हिस्सों में मानसून राहत की बजाय आफत बनकर सामने आया है. उत्तर प्रदेश में प्रयागराज, वाराणसी, और लखनऊ समेत 14 जिलों में बाढ़ ने हालात बिगाड़ दिए हैं जहां नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. बिहार में नेपाल से आने वाली नदियों जैसे कनकई और मेची के उफान पर होने से किशनगंज और आसपास के इलाकों में फसलें बर्बाद हो गई हैं. राजस्थान में जैसलमेर और बाड़मेर में भारी बारिश ने सड़कों को नदियों में बदल दिया. 

इधर दिल्ली-एनसीआर में लगातार बारिश से जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या है. उधर त्रिपुरा और असम जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. हिमाचल और उत्तराखंड में भूस्खलन से सड़कें पहले से ही बंद हैं और केदारनाथ हाईवे पर यातायात प्रभावित हुआ है.

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