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पैसे भेजने से लेकर निवेश और इमिग्रेशन तक... ट्रंप के वन बिग ब्यूटीफुल बिल से भारतीयों को क्या-क्या नुकसान

One Big Beautiful Bill: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिसे 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' नाम दिया है, उसके करीब 900 पृष्ठों का विवरण सामने आ चुका है, तो आइए हम भारतीयों पर इसके तत्काल प्रभाव के बारे में बताते हैं.

पैसे भेजने से लेकर निवेश और इमिग्रेशन तक... ट्रंप के वन बिग ब्यूटीफुल बिल से भारतीयों को क्या-क्या नुकसान
Sumit Rai|Updated: Jul 04, 2025, 02:19 PM IST
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How Big Beautiful Bill affects Indians: अमेरिका सबसे चर्चित 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' संसद में पास हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद इसका असर न केवल अमेरिका पर होगा, बल्कि पूरी दुनिया पर इसका प्रभाव पड़ेा. इसका असर भारत और भारतीयों पर भी पड़ने वाला है. इस बिल का सबसे ज्यादा असर प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से रेमिटेंस यानी एनआरआई द्वारा भारत में पैसा भेजने या या निवेश किए गए धन पर पड़ेगा. बता दें कि पिछले साल भारत को विदेशों से आ रहे पैसों यानी रेमिटेंस में तगड़ी कमाई हुई है. विदेशों में काम कर रहे भारतीयों ने वित्त वर्ष 2024-25 में देश में रिकॉर्ड पैसा भेजा है. ट्रंप ने जिसे 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' नाम दिया है, उसके करीब 900 पृष्ठों का विवरण सामने आ चुका है, तो आइए हम भारतीयों पर इसके तत्काल प्रभाव के बारे में बताते हैं.

डोनाल्ड ट्रंप के 'ड्रीम बिल' का भारतीयों पर क्या होगा असर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्राथमिकता सुरक्षा, अवैध अप्रवासन रोकना और विदेशों को भेजे जा रहे धन पर टैक्स लगाना है, जिसके लिए 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' लाया गया है. यह बिल भारत जैसे देशों को सीधे प्रभावित करता है, जहां से लोग अमेरिका जाते हैं, नौकरी करते हैं, घर पैसे भेजते हैं या निवेश करते हैं. यह कानून भारत के लिए रेमिटेंस फ्लो को प्रभावित करेगा. इसके अलावा भारतीय छात्रों, काम करने वालों और परिवारों के लिए अमेरिका में रहना महंगा होने के साथ-साथ पहले से अधिक चुनौतीपूर्ण होगा.

घर पर पैसे भेजने पर शुल्क?

अमेरिका से विदेशों में भेजे जाने वाले धन पर मूल रूप से प्रस्तावित 5 प्रतिशत टैक्स को अंतिम मसौदे में घटाकर सिर्फ 1 प्रतिशत कर दिया गया था, जिसे अब पारित कर दिया गया है. अमेरिका में लगभग 4.5 मिलियन यानी 45 लाख भारतीय नागरिक या भारतीय मूल के लोग हैं, जिनमें से कई भारत में अपने परिवारों के लिए कमाई का बड़ा हिस्सा भेजते हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, द गार्डियंस रियल एस्टेट एडवाइजरी के सह-संस्थापक और निदेशक राम नाइक ने बताया, 'अमेरिकी बैंक और कार्ड-आधारित रेमिटेंस को छूट दी गई है, लेकिन ज्यादा पैसे और हर महीने पैसे ट्रांसफर करने वाले एनआरआई को अपनी वित्तीय योजनाओं पर फिर से विचार करने की जरूरत है.' यह 1 जनवरी, 2026 से लागू होगा.

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विदेशी आय पर टैक्स

'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' कई चीजों से संबंधित है, जिनमें से कुछ के कारण ट्रंप और एलन मस्क के बीच झगड़े भी हुए. अमेरिकी निवासियों द्वारा अर्जित विदेशी स्रोत से प्राप्त किराये की आय पर मौजूदा नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिसमें ग्रीन कार्ड या अमेरिकी नागरिकता रखने वाले एनआरआई भी शामिल हैं. यानी विदेशों से आने वाली रेंटल इनकम पर अमेरिका में पहले जैसा टैक्स ही लगेगा. कोई ग्रीन कार्डधारी या अमेरिकी नागरिक भारत में किराये की संपत्ति से आय कमा रहा है तो भारत में दिया गया टैक्स अमेरिका में क्रेडिट के रूप में लिया जा सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तरह की आय पर मौजूदा कानून के तहत कर लगाया जाता रहेगा. इसका मतलब है कि भारत में चुकाए गए टैक्स को पहले की तरह अमेरिका में टैक्स क्रेडिट के रूप में दावा किया जा सकता है, ताकि उसी आय पर दोहरे टैक्स से बचा जा सके.

इलीगल इमिग्रेशन पर सख्ती

डोनाल्ड ट्रंप का 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' इलीगल इमिग्रेंट्स की मुश्किलें बढ़ाने वाला है और यह अब तक का सबसे बड़ा निर्वासन ऑपरेशन शुरू करने की घोषणा करता है. यानी खास तौर पर बिना दस्तावेज के सीमा पार करने वाले और 'डंकी रूट' से अमेरिका में दाखिल होने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. बताया जाता है कि अमेरिका ने अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लगभग 18,000 भारतीय नागरिकों की पहचान की है. भारत सरकार ने कहा है कि वह इन लोगों को वापस ले जाएगी और मानव तस्करी के नेटवर्क को तोड़ देगी. रिपोर्ट के अनुसार, अनधिकृत अप्रवासी अमेरिका की आबादी में 3% अवैध अप्रवासी हैं. अनुमानित आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में अप्रवासी भारतीयों की संख्या 2.2 लाख से 7 लाख के बीच हो सकता है, मैक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद तीसरा सबसे बड़ा समूह है. हालांकि, फिर भीअमेरिका में कुल अनधिकृत प्रवासी आबादी में भारतीयों की संख्या बहुत कम है.

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बढ़ जाएगा अमेरिका में रहने वालों का खर्च

ट्रंप के बिग ब्यूटीफुल बिल से अमेरिका में वैधानिक रूप से रहने की कोशिश करने वालों के लिए भी लागत बढ़ जाती है. ब्लूमबर्ग ने बताया है कि बिल में वर्क परमिट, असाइलम एप्लिकेशन और अन्य मानवीय सुरक्षा के लिए शुल्क बढ़ाए गए हैं. असाइलम के लिए आवेदन करने पर न्यूनतम 100 डॉलर खर्च करने पड़ेंगे. इसके अलावा, वर्क परमिट पर 550 डॉलर, अस्थायी संरक्षित स्थिति के लिए 500 डॉलर और मानवीय पैरोल के लिए 1,000 डॉलर देने होंगे. इसके अलवा प्रवेश के बंदरगाहों के बीच सीमा पार करते हुए पकड़े जाने पर 5,000 डॉलर का जुर्माना लगाया जाएगा. साथ कम आय वाले आवेदकों के लिए कोई शुल्क छूट नहीं होगी.

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