trendingNow12868490
Hindi News >>देश
Advertisement

'10-11 साल से कर रहे थे समर्थन, सब हो गया बेकार', ट्रंप की नई टैरिफ धमकी पर बरसे कांग्रेस नेता

Congress Vs BJP: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की की टैरिफ को लेकर हो रही बयानबाजी पर एक ओर सरकार ने जवाबी पलटवार किया है, वहीं कांग्रेस पार्टी ने सरकार को एक बार फिर घेरा है.

'10-11 साल से कर रहे थे समर्थन, सब हो गया बेकार', ट्रंप की नई टैरिफ धमकी पर बरसे कांग्रेस नेता
Shwetank Ratnamber|Updated: Aug 05, 2025, 06:06 PM IST
Share

US Tariff on India: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की भारत को धमकी भरे नए बयान कि रूस से तेल खरीदने पर और टैरिफ लगाएंगे, इस पर भारत सरकार भले ही अमेरिका को जवाब दे चुकी हो, लेकिन कांग्रेस के नेता एक-एक करके पीएम मोदी, केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय को घेर रहे हैं. हालिया बयान की बात करें तो कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने मोदी सरकार को घेरते हुए सरकार की कूटनीति और पीएम मोदी और ट्रंप की कथित केमेस्ट्री पर तंज कसा है.

10 साल से दोस्त को ढो रहे थे क्या हुआ?

राज्यसभा सांसद शुक्ला ने कहा, 'अमेरिका के साथ हमारे सभी प्रयास व्यर्थ गए हैं. हम पिछले 10-11 सालों से ट्रंप का समर्थन कर रहे थे, जो पूरी तरह से बेकार साबित हुआ. ट्रंप पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं और भारत को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वह हमें बार-बार धमका रहे हैं और यहां तक कि उन्होंने हम पर टैरिफ भी लगा दिए हैं. वह जुर्माना भी लगा रहे हैं. हमारी विदेश नीति पर गहरा असर पड़ा है. यह विदेश नीति की विफलता है. कल भारत को जवाब देना पड़ा जब उन्होंने फिर ट्वीट किया कि वह और टैरिफ लगाएंगे. हमें यह तय करने का अधिकार है कि हमें किस देश के साथ व्यापार करना चाहिए और किसके साथ नहीं, अमेरिका हमें कुछ नहीं बताएगा.'

ये भी पढ़ें- अमेरिका का प्रोपेगेंडा शीशे की तरह साफ हो गया, भारत के खिलाफ ट्रंप की नफरती सोच का विश्लेषण  

क्या बोले थे ट्रंप?

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने नई धमकी में कहा है कि भारत रूस से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है और फिर उस तेल के एक बड़ा हिस्से को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंचे दामों पर बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहा है, भारत ये भी नहीं सोच रहा है कि रूस उस पैसे से यूक्रेन में क्या कर रहा है. ट्रंप ने कहा कि भारत को इस बात की परवाह नहीं है कि रूस, यूक्रेन युद्ध में कितने बेगुनाह लोगों को मार रहा है.

ये भी पढ़ें- वेंटिलेटर पर है मोदी सरकार, वजहें गिनाते हुए टीएमसी सांसद का केंद्र पर बड़ा हमला 

सौ बात की एक बात

भारत रूस से सस्ता तेल लेने और उसका अपने हिसाब से इस्तेमाल करने में अमेरिका का पेट दुख रहा है. भारत का रूस से सस्ता तेल खरीदना अमेरिका को रास नहीं आ रहा है और इसे लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत को नई धमकियां दे रहे हैं. यहां सौ बात की एक बात ये कि दूसरे की तरक्की से लोग जलते हैं, इसलिए रह-रह कर ट्रंप भी भारत को घेर रहे हैं.

FAQ

सवाल- ट्रंप की टैरिफ की धमकियों पर भारत ने क्या जवाब दिया?
जवाब- 
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से भी ट्रंप की धमकियों को लेकर पलटवार करते हुए साफ किया गया है कि जो हमें अब रूसी तेल न खरीदने की सलाह दे रहे हैं, वो खुद रूस के साथ व्यापार करते है. भारत ने ये भी कहा कि यूरोपियन यूनियन के देश भी नेचुरल गैस समेत कई चीजें रूस से लेता हैं, तब उन्हें यूक्रेन की याद नहीं आती. भारत को धमकाना छोड़कर पहले आपको अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए.

सवाल- क्या जो बाइडेन चाहते थे भारत रूस से खरीदे तेल?
जवाब- कंसल्टिंग फर्म रैपिडन एनर्जी ग्रुप के चेयरमैन बॉब मैकनेली ने Squawk Box Asia से कहा- 'ट्रंप की धमकी के बाद भारतीयों को कुछ भ्रम हो रहा होगा ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रंप के पूर्ववर्ती राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन का विजन इस मामले में ट्रंप की सोच से अलग था. अब अमेरिका पूछ रहा है कि आप इतना सारा रूसी तेल लेकर क्या कर रहे हैं? जबकि मार्च 2022 में जिस समय रूस, यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमला शुरू कर चुका था उसके एक महीने बाद बाइडेन प्रशासन में पूर्व अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने कथित तौर पर कहा था कि दोस्त आपस में लाल रेखाएं नहीं तय करते यानी वर्तमान में रूस से ऊर्जा आयात पर कोई प्रतिबंध नहीं है.' यानी एक तरह से पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन ने खुद भारत से रूसी तेल खरीदने की गुहार लगाई थीस ताकि तेल की कीमतें बढ़ने पर रोक लगाई जा सके. 

सवाल- कौन हैं मैकलेनी?
जवाब-
 बॉब मैकनेली अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के व्हाइट हाउस ऊर्जा सलाहकार रह चुके हैं. वो ऑयल मार्केट एनालिस्ट हैं और फिलहाल कंसल्टिंग फर्म रैपिडन एनर्जी ग्रुप के चेयरमैन हैं.

Read More
{}{}