US Tariff : अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर भारत की पहली स्ट्राइक का विश्लेषण करेंगे. महात्मा गांधी कहते थे, 'पहले वो तुम्हें नजरअंदाज करेंगे फिर वो तुमपर हंसेंगे, फिर वो तुमसे लड़ेंगे फिर तुम जीत जाओगे.' गांधीजी की बात अगर आप अमेरिका से जोड़कर देखेंगे तो आप ये महसूस करेंगे कि जिस अमेरिका ने पहले भारत को नजरअंदाज किया फिर हंसी उड़ाई, वो कुछ समय तक शांत रहने के बाद अब भारत से लड़ रहा है. भारत पर दबाव डालकर उसे अमेरिका का पिछलग्गू बनाना चाहता है, जैसे इस समय पाकिस्तान बना है. लेकिन भारत ने 24 घंटे के अंदर जवाब देकर ये संकेत दे दिए हैं कि इस लड़ाई में जीत भारत की ही होगी.
ट्रंंप की रणनीति भारत का कुछ न बिगाड़ पाएगी?
जापान के नागासाकी और हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराने वाले देश अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप आजकल दुनीया भर में टैरिफ बम गिरा रहे हैं. डॉनल्ड ट्रंप के फैसले दुनीया में उथल पुथल मचा रहे हैं. डॉनल्ड ट्रंप आजकल रोज़ाना उनकी शर्तों को नहीं मानने वाले देशों को बुरी खबर दे रहे हैं. लेकिन जो मुल्क अमेरिका के सामने सरेंडर कर देता है. उसे ट्रंप से अच्छी खबर भी मिलती है. भारत पर 25 परसेंट टैरिफ लगाकर पाकिस्तान से ऑयल डील की खबर भी इसी फॉर्मूले का हिस्सा थी. लेकिन दुनीया के देशों को बुरी खबर देने वाले ट्रंप को झटका देने वाली तीन खबरें आज हमारे पास हैं. और ये तीनों खबरें दुनीया के तीन अलग अलग देशों से आई हैं. आज आपको भी ट्रंप को लगे तीन झटकों के बारे में जानना चाहिए, जिससे आज वो जरूर टेंशन में होंगे और हो सकता है उनको टैरिफ पर किए गए अपने फैसलों पर अब अफसोस भी हो रहा हो.
ट्रंप क्यों चिढे़े हैं?
ट्रंप को पहली बुरी खबर दिल्ली से मिली, जिस पर ट्रंप ने 25 परसेंट का टैरिफ लगाया है ट्रंप चाहते थे. भारत अमेरिका से पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान एफ 35 खरीदे लेकिन अब खबर आ गई कि भारत का एफ-35 खरीदने का कोई विचार नहीं है. ट्रंप को दूसरा झटका बलोचिस्तान से लगा जहां बलोचों ने साफ कर दिया कि मुनीर ने ट्रंप को धोखा दिया है और पाकिस्तान से तेल नीकालने का सपना देखना ट्रंप छोड़ दें. ट्रंप को तीसरी बुरी खबर मॉस्को से मिली है, जहां से बयान आ गया ट्रंप जितना चाहें बौखला लें रूस पर उनका कोई जोर नहीं चलने वाला.
US ने टैरिफ के मामले में पाकिस्तान पर प्यार बरसाया
भारत ने कैसे अमेरिका को टैरिफ लगाने का पहला जवाब दिया है. इसे हम विस्तार से बताने वाले हैं लेकिन उससे पहले आपको जानना चाहिए कि किस तरह ऑयल डील के बाद अमेरिका ने टैरिफ के मामले में पाकिस्तान पर प्यार बरसाया है.
- ट्रंप ने अप्रैल में भारत पर 26% टैरिफ लगाने का एलान किया था और 1 अगस्त से भारत पर 25% टैरिफ लगा दिया. यानी सिर्फ 1 परसेंट छूट दी.
- ट्रंप ने अप्रैल में पाकिस्तान पर 29% टैरिफ लगाने की बात कही थी. नए आदेश में ट्रंप ने पाकिस्तान पर सिर्फ 19 परसेंट टैरिफ लगाया है. यानी पाकिस्तान को 10% की बड़ी छूट दी है. इसके अलावा ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ ऑयल डील की भी कर ली और भारत को चिढ़ाने की कोशिश भी की है.
वैसे दक्षिण एशिया में ट्रंप ने सबसे ज्यादा प्यार पाकिस्तान पर ही लुटाया है. बांग्लादेश पर भी ट्रंप ने भारत से कम लेकिन पाकिस्तान से ज्यादा 20 परसेंट टैरिफ लगाया है. लेकिन अब भारत पर लगाए गए टैरिफ के साइड इफेक्ट ट्रंप को भी झेलने पड़ रहे हैं. भारत ने अमेरिका को बड़ा झटका देते हुए अमेरिका से पांचवी पीढ़ी के एफ-35 फाइटर जेट खरीदने की डील ठंडे बस्त में डाल दी है. अमेरिकी मीडिया में भी ये खबरें जोर शोर से चल रही हैं. यानी अमेरिका तक भी ट्रंप के टैरिफ बम के साइड इफेक्ट्स की जानकारी पहुंच रही हैं.अमेरिकी मीडिया की ओर से भी कहा जा रहा है कि
-भारत को एफ-35 खरीदने में कोई रुचि नहीं है.
-इसे भारत की जवाबी कार्रवाई कहा जा रहा है .
-रक्षा सौदों में अब भारत की प्राथमिकता स्वदेशी डिजायन और नीर्माण पर टिकी.
-यानी भारत पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी फाइटर जेट एम्का के नीर्माण में तेजी लाने की तैयारी में है.
-रिपोर्ट में बताया गया भारत ऐसे रक्षा मॉडल की तलाश में है, जिसमें 5th पीढ़ी का विमान भारत में तैयार हो और भारत को तकनीक भी सौंपी जाए.
-रूस भारत को पहले ही पांचवी पीढ़ी के Su-57 पर ये ऑफर दे चुका है. यानी जरूरत हुई तो भारत अमेरिका की जगह अब रूस को तरजीह देगा.
भारत-रूस भाई-भाई!
आज आपको ये भी समझना चाहिए, भारत का एफ-35 से किनारा करना अमेरिका के लिए क्यों बड़ा नुकसान है. भारत की तरफ से ये साफ है कि ट्रंप की ख्वाहिश पूरी नहीं होगी यानी भारत एफ-35 नहीं खरीदेगा. यानी अमेरिकी रक्षा कंपनी ने एक बहुत बड़ा सौदा अपने हाथों से खो दिया और विशेषज्ञ भी इसे भारत की जवाबी कार्रवाई बता रहे हैं.
वैसे लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि F-35 खरीदने के मुद्दे पर अमेरिका से अभी तक कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है. इस जवाब और मौजूदा परिस्थितियों के देखते हुए कहा जा सकता है. आगे कोई बात होगी भी नहीं. अगर अमेरिका, भारत को एफ-35 बेच देता तो अमेरिकी कंपनी कई दशकों तक स्पेयर पार्ट और रख रखाव को लेकर कमाई करती. लेकिन पाकिस्तान पर प्यार लुटाने वाले ट्रंप के साथ सिर्फ F-35 पर नहीं तेल पर भी खेल हो गया है.
एक कहावत है, सावन के अंधे को हर जगह हरियाली नजर आती है लेकिन अगर बात अमेरिका की हो तो इतिहास से लेकर दुनीया का भूगोल, सब यही बताते हैं कि अमेरिका को हर जगह तेल नजर आता है.
अब पाकिस्तान से ट्रंप को चेतावनी दी गई है. ट्रंप को बताया गया है कि उनको पाकिस्तान में जहां पर तेल होने की जानकारी दी गई है वो पूरी तरह निराधार है और पाकिस्तान से तेल नीकालने की राह में डॉनल्ड ट्रंप को सिर्फ धोखे मिलेंगे. बहुत परेशानी मिलेगी. आज आपको जानना चाहिए कि क्या ट्रंप को पाकिस्तान में तेल के नाम पर फंसाने का प्लान बनाया गया है और क्या पाकिस्तान, डॉनल्ड ट्रंप को तेल के कुएं की जगह एक ऐसे अंधे कुएं में ले जाकर धकेलना चाहता है. जहां उसको अफगानिस्तान और वियतनाम जैसी फजीहत झेलनी पड़ेगी और किस तरह ये डबल गेम PAK को भी महंगा पड़ने जा रहा है.
आज आपको सबसे पहले जानना चाहिए, किस तरह डॉ ट्रंप की पाकिस्तान के साथ डील से बलोचिस्तान के राष्ट्रवादी नेता भड़क गए हैं. जिन बलोचों को पाकिस्तान की आर्मी और चीन भी नहीं संभाल पा रहे. उन्होंने अब सीधे ट्रंप को चेतावनी दे दी है, अब आपको बलोचिस्तान से ट्रंप को मिली चेतावनी के बारे में भी जानना चाहिए, बलोचिस्तान के नेता मीर यार बलोच ने कहा है-
पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने अमेरिका को गलत जानकारी दी यानी पाकिस्तान अमेरिका से डबल क्रॉस कर रहा है.
बलोच नेता ने बताया तेल के जखीरे पाकिस्तान के पंजाब और सिंध में नहीं बल्कि बलोचिस्तान में है.
बलोचिस्तान में गैस, कॉपर, लिथियम, यूरेनीयम, और दुर्लभ खनीज भंडार मौजूद हैं. यानी पाकिस्तान, US के जरिए इनका दोहन करना चाहता है.
#DNA | मुनीर के जाल में फंसे ट्रंप..बलोच काटेंगे 'पंख'! बलोचिस्तान में ट्रंप के ख्वाब के 'चीथड़े-चीथड़े'!#UnitedStates #DonaldTrump #Pakistan #TariffWar #Balochistan @pratyushkkhare pic.twitter.com/oyCqWFkoez
— Zee News (@ZeeNews) August 1, 2025
बलोच नेता ने साफ किया है, बलोच इन संसाधनों के शोषण का अधिकार पाकिस्तान, चीन या किसी और विदेशी ताकत को नहीं देंगे. सीधा मतलब ये कि चीन की तरह अमेरिका भी बलोचिस्तान में एंट्री नहीं कर पाएगा. बलोचिस्तान के नेता ने ट्रंप को नसीहत दी है, उन्हें बलूचिस्तान के संसाधनों के शोषण का विरोध करना चाहिए. यानी पाकिस्तान को बलोचिस्तान से दूर करना चाहिए. बलोचिस्तान ने अपने संसाधनों की रक्षा के लिए सशस्त्र संघर्ष करने की बात भी कही है. यानी बलोचिस्तान के लोग, अमेरिका हो या चीन सबके खिलाफ हमले जारी रखेंगे. और जिस बलोचिस्तान ने चीन की नाक में दम कर रखा है, पाकिस्तान की आर्मी तक की कमर तोड़ दी है. वो अमेरिकी कंपनीयों को भी कोई मोहलत नहीं देगी, ये भी तय है. ट्रंप की तेल डील पर विशेषज्ञ इसलिए भी हैरानी जाहिर कर रहे हैं, क्योंकि इससे पहले भी ट्रंप पाकिस्तान से तेल निकालने की कोशिश में बड़ा नुकसान कर चुके हैं.
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