Uddhav Thackeray Raj Thackeray Together: महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य बनाए जाने के मुद्दे ने उद्धव और राज ठाकरे को एक बार फिर साथ आने का मौका दे दिया है. इस मुद्दे को लेकर उद्धव और राज ठाकरे एक साथ आंदोलन करने वाले हैं. इसकी जानकारी खुद शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दी है. बता दें कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और राज ठाकरे (Raj Thackeray) दोनों चचेरे भाई हैं, जो कभी शिवसेना के प्रमुख नेता थे. लेकिन, पिछले तीन दशकों से दोनों कट्टर प्रतिद्वंद्वी और धुर विरोधी रहे हैं. पार्टी में दरकिनार किए जाने के बाद राज ठाकरे ने साल 2005-06 में शिवसेना छोड़कर मनसे की शुरुआत की थी. हालांकि, अब करीब 19 साल बाद अगर उद्धव और राज राजनीतिक रूप से फिर से एक होते नजर आ रहे हैं. अगर दोनों नेता पूरी तरह से साथ आते हैं तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक और उथल-पुथल मचा सकता है.
हम साथ-साथ हैं...
संजय राउत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक फोटो शेयर किया. इसमें उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ नजर आ रहे हैं. उन्होंने लिखा, 'महाराष्ट्र के स्कूलों में अनिवार्य हिंदी के खिलाफ एकजुट प्रदर्शन होगा. ठाकरे ही ब्रांड हैं.' इसके अलावा, राउत ने एक अन्य पोस्ट भी शेयर की और इस तस्वीर में उद्धव और राज ठाकरे एक साथ खड़े हुए दिख रहे हैं, जबकि उनके पीछे बाला साहेब ठाकरे की तस्वीर दिख रही है. उन्होंने इस फोटो के साथ कैप्शन में लिखा, 'महाराष्ट्र की जय हो.'
जय महाराष्ट्र!
"There will be a single and united march against compulsory Hindi in Maharashtra schools. Thackeray is the brand!"
@Dev_Fadnavis
@AmitShah pic.twitter.com/tPv6q15Hwv— Sanjay Raut (@rautsanjay61) June 27, 2025
महाराष्ट्रतील शाळांत हिंदी सक्ती विरोधात एकच आणि एकत्र मोर्चा निघेल!
जय महाराष्ट्र! pic.twitter.com/A8ATq2ra0k— Sanjay Raut (@rautsanjay61) June 27, 2025
हिंदी भाषा पर राजनीतिक घमासान
हिंदी भाषा पर महाराष्ट्र की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया गया है, लेकिन विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राज ठाकरे ने मुंबई में 6 जुलाई को मार्च का आह्वान किया था और उद्धव ठाकरे ने 7 जुलाई को मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन की घोषणा की थी, लेकिन अब संजय राउत ने बताया है कि वे दोनों एक साथ आंदोलन करेंगे.
इससे पहले, शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र सरकार पर हिंदी भाषा को जबरदस्ती थोपने का आरोप लगा चुके हैं. उन्होंने एक बयान में कहा था, 'वर्तमान सरकार राज्य पर 'हिंदी लादने' की कोशिश कर रही है. उनका किसी भाषा या हिंदी भाषी समुदाय से कोई विरोध नहीं है, बल्कि वह जबरन किसी भाषा को थोपने के खिलाफ हैं.' उन्होंने आरोप लगाया था, 'बीजेपी की 'बांटने और काटने' की नीति स्पष्ट है. वह मराठी और अन्य भाषियों के बीच जो एकता है, उसे खत्म करने की कोशिश कर रही है.'
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)
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