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'सरकार की नजर वक्फ की जमीन पर, अगला निशाना मंदिर ट्रस्ट की संपत्ति', अब इस नेता ने छेड़ा नया राग

Waqf Bill: शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बड़ा दावा किया है. उन्होंने लोकसभा में वक्फ बिल पास होने के बाद कहा कि सरकार की नजर वक्फ की जमीन पर है. अगला निशाना मंदिरों, गिरजाघरों और गुरुद्वारों की जमीन पर भी हो सकती है.

'सरकार की नजर वक्फ की जमीन पर, अगला निशाना मंदिर ट्रस्ट की संपत्ति', अब इस नेता ने छेड़ा नया राग
Md Amjad Shoab|Updated: Apr 03, 2025, 07:39 PM IST
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Uddhav Thackeray News: वक्फ (अमेंडमेंट) बिल 2024 लोकसभा में दो अप्रैल को पास हो गया है. इस बिल पर सदन से लेकर सड़क तक सत्तापक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग जारी है. इस बीच, शिवसेना (UBT) के प्रमुख महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बड़ा दावा कर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. शिवसेना नेता ठाकरे ने गुरुवार को दावा किया कि केंद्र सरकार की नजर वक्फ बोर्ड की जमीन पर है और अगला निशाना मंदिरों, गिरजाघरों और गुरुद्वारों की जमीन हो सकती है.

उद्धव ने लोकसभा में वक्फ (अमेंडमेंट) बिल पारित होने के कुछ घंटे बाद कहा कि उनकी पार्टी इस बिल पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कपटपूर्ण रवैये और ‘वक्फ की जमीन छीनकर अपने उद्योगपति दोस्तों को देने की उसकी चाल’ का विरोध करती है. उन्होंने कहा, ‘भाजपा और बिल का समर्थन करने वाले उसके सहयोगी दलों द्वारा मुस्लिम कम्युनिटी के प्रति दिखाई गई चिंता पाकिस्तान के फाउंडर (मुहम्मद अली) जिन्ना को भी शर्मिंदा कर देगी.’ 

एकनाथ शिंदे ने लगाया ये आरोप
उद्धव की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब भाजपा और एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना ने शिवसेना (उबाठा) पर वक्फ (अमेंडमेट) बिल का समर्थन न करके हिंदुत्व और पार्टी फाउंडर बाल उद्धव के आदर्शों को त्यागने का आरोप लगाया है. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘आपकी नजर वक्फ की जमीन पर है, लेकिन मंदिर ट्रस्ट, गिरजाघरों, गुरुद्वारों के पास भी जमीन है. आपकी नजर हम (हिंदू मंदिरों की जमीन) पर भी हो सकती है. यह बिल सिर्फ जमीन के लिए लाया गया है. हमने इस कपट का विरोध किया है.’ 

बिल में कुछ अच्छी बातें, लेकिन..
उन्होंने सवाल किया कि यह बिल अगर मुस्लिम समुदाय की बेहतरी के लिए है तो इससे हिंदुओं को क्या फायगा होगा? उन्होंने कहा, ‘अगर वक्फ विधेयक मुस्लिम समुदाय की बेहतरी के लिए है, तो इसे लाकर किसने हिंदुत्व को त्यागा है. वक्फ (अमेंडमेंट) बिल का हिंदुत्व से क्या संबंध है? इससे हिंदुओं को क्या लाभ होगा?’ हालांकि, उद्धव ने कबूल किया कि बिल में कुछ अच्छी बातें हैं और कहा कि उनकी पार्टी नकारात्मक राजनीति का समर्थन नहीं करेगी. उन्होंने आगे कहा, ‘पारदर्शिता होनी चाहिए.’

'बीजेपी की नीति फूट डालना, लड़ाई करवाना और राज करना है'
उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी ने केंद्र में लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल की है और चीजें सामान्य हैं, फिर भी वह हिंदू-मुस्लिम मुद्दे को उठा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की नीति फूट डालना, लड़ाई करवाना और राज करना है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) मुखिया ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी को देश को अमेरिकी शुल्क के आसन्न खतरे और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताना चाहिए था.

ट्र्ंप टैरिफ पर क्या बोले ठाकरे?
उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों को अन्य सभी कार्यों को स्थगित कर भारत पर अमेरिकी शुल्क के इफेक्ट पर चर्चा करनी चाहिए थी. उद्धव ने भाजपा को चुनौती दी कि अगर वह मुसलमानों को नापसंद करती है, तो अपने झंडे से हरा रंग हटा दे.

ठकारे ने सीएम फडणवीस पर साधा निशाना
उद्धव ने कहा कि महाराष्ट्र में 1995 से 1999 तक जब शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सरकार थी, तब उनके पिता और शिवसेना फाउंडर बाल ठाकरे ने तत्कालीन सीएम मनोहर जोशी और डिप्टी सीएम गोपीनाथ मुंडे से पूजा स्थलों को अतिरिक्त एफएसआई (किसी भूखंड पर अनुमेय निर्माण घनत्व निर्धारित करने वाला पैमाना) देने के लिए कहा था. उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा,‘आप तब बच्चे थेय हमें बाल ठाकरे के आदर्शों के बारे में मत सिखाइए.’

शिवसेना (UBT) नेता ने प्रतिद्वंद्वी शिवसेना नेता और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस आरोप का भी खंडन किया कि उनकी पार्टी ने सहयोगी कांग्रेस के दबाव की वजह से वक्फ बिल का विरोध करने का फैसला किया है. उद्धव ठाकरे के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिंदे ने कहा कि वक्फ अमेंडमेंट बिल पर शिवसेना (उबाठा) के विरोध ने उसके ‘नकली हिंदुत्व’ को उजागर कर दिया है. उन्होंने कहा कि शिवसेना(उबाठा)के इस फैसले ने यह साबित कर दिया है कि उसने बाल ठाकरे के आदर्शों को त्याग दिया है. शिंदे ने दावा किया कि शिवसेना (उबाठा)के रुख से उसके सांसदों को शर्मिंदगी उठानी पड़ी. उन्होंने कहा, ‘यह शिवसेना (उबाठा) के लिए दुर्भाग्यपूर्ण दिन था.’ उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्फ अमेंडमेंट बिल का विरोध कर उद्धव ठाकरे ने 2019 में कांग्रेस से हाथ मिलाने से भी बड़ा जुर्म किया है. शिंदे ने जून 2022 में ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर शिवसेना को बांट कर दिया था.

इनपुट- भाषा 

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