Agra News: आगरा की एसिड अटैक सर्वाइवर रुकैया को दशकों बाद मुआवजा मिलेगा. दरअसल, 2002 में रुकैया पर उनकी बड़ी बहन की ससुराल अलीगढ़ तुर्कमान गेट पर एसिड अटैक हुआ था. जब एसिड अटैक हुआ था, तब वह सिर्फ 14 साल की थीं. रुकैया आगरा के एत्माद्दौला के पीलाखार की रहने वाली हैं.
नए सिरे से जीवन की शुरुआत
रुकैया पर उनकी बहन के देवर ने तेजाब फेंक दिया था, जिससे उनका चेहरा और शरीर झुलस गया था. परिवार के लोगों ने बड़ी बहन का घर बिगड़ने के दबाव में पुलिस कार्रवाई नहीं की थी. 2014 में रुकैया शीरोज हैंगआउट कैफे से जुड़ीं. जहां से उन्होंने नए सिरे से अपने जीवन की शुरुआत की और कैफे में काम करने लगीं.
एत्माद्दौला थाने में केस दर्ज
दिसंबर 2022 में हैंगआउट कैफे में एक कार्यक्रम आयोजित की गई. जिसमें तत्कालीन एडीजी राजीव कृष्ण शीरोज शामिल हुए थे. इस दौरान रुकैया ने उन्हें अपनी आपबीती सुनाई थी. फिर तत्कालीन पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह के आदेश पर आरोपी देवर आरिफ के खिलाफ एत्माद्दौला थाने में केस दर्ज हुआ था.
कैसी लड़ी कानूनी लड़ाई?
यह घटना अलीगढ़ में हुई थी, जिसके चलते विवेचना थाना कोतवाली अलीगढ़ ट्रांसफर कर दी गई. अब आरोपी आरिफ जेल में बंद है. रुकैया ने सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस की मदद से कानूनी लड़ाई लड़ी. जबकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट में आरोपी की ओर से जमानत याचिका पेश की गई थी, जिसकी सुनवाई चल रही है.
आवेदन प्रक्रिया हुई पूरी
इस साल अप्रैल में तारीख पर प्रयागराज जाते समय नरेश पारस और रुकैया की बस कानपुर में सड़क हादसे का शिकार हो गई थी. हालांकि, नरेश पारस ने अधिवक्ता पीसी पाल के जरिए हाईकोर्ट में रुकैया का पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि एसिड अटैक सर्वाइवर के मुआवजे को लेकर अलीगढ़ डीएम कार्यालय में आवेदन प्रक्रिया पूरी हो गई है.
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