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कुमार विश्वास ने फिर किया कटाक्ष, राम कथा में बताया कैसे और किसने तुड़वाए मंदिर

Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में राम कथा का आयोजन किया गया था. इस दौरान कवि डॉ. कुमार विश्वास ने कांग्रेस पर तंज करते हुए कहा कि जो लोग राम को काल्पनिक बताते थे आज वो खुद काल्पनिक हो चुकी है. आइए जानते है इस दौरान और क्या-क्या कहा? 

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Agra News, Kumar Vishwas
Agra News, Kumar Vishwas
Zee Media Bureau|Updated: Jan 18, 2025, 08:59 PM IST
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Agra in Kumar Vishwas: आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित जेपी वेडिंग स्क्वायर में शनिवार को आयोजित राम कथा में प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास ने सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों पर अपने विचार साझा किया.

उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व को लेकर 30 वर्षों तक चली बहस पर तंज कसते हुए कहा कि भगवान राम को काल्पनिक साबित करने के लिए मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. जो राजनीतिक पार्टियां राम को काल्पनिक बता रही थीं, आज वही खुद काल्पनिक हो चुकी हैं. राम किसी एक पार्टी के नहीं, बल्कि पूरे देश की आत्मा हैं, बच्चे के जन्म से लेकर अंतिम संस्कार तक, हर कदम पर राम का नाम जुड़ा होता है. 

धर्म और सांस्कृतिक सौहार्द की अपील
डॉ. विश्वास ने धर्म स्थलों को तोड़कर नए धर्म स्थल बनाने की प्रवृत्ति की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा  कि कोई भी धर्म यह नहीं सिखाता कि दूसरे के धर्म स्थल को तोड़ो. आप मुझे एक भी गुरुद्वारा, जैन मंदिर या अन्य धर्मस्थल दिखा दें जो किसी और के धर्मस्थल को तोड़कर बनाया गया हो. बगदाद वालों से पूछिए, धर्म प्रचार करना था तो किसने शर्त लगाई कि पहले दूसरे के धर्म स्थल को तोड़ो, फिर अपना बनाओ?

नेताओं पर निशाना
राजनीतिक नेताओं पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि आज सत्ता में बहुत से इंद्र हैं. उनके बेटे दिल्ली और लखनऊ में मिलते हैं, जो छेड़छाड़ जैसी घटनाओं के बाद अपने पिता का सहारा लेते हैं. पहले के राजा स्वयं राजपाट छोड़कर तपस्या करते थे, लेकिन आज के नेता अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं. 

राम कथा है गंगा स्नान का अनुभव
कुमार विश्वास ने राम कथा को गंगा स्नान जैसा बताया कि जो लोग कुंभ में नहीं जा पाए, वे राम कथा सुनें. यह भी उतना ही पवित्र अनुभव है. कथा में भक्त बनकर बैठें, विभक्त होकर नहीं. 

संशय का समाधान और राम के गुणों का वर्णन
डॉ. विश्वास ने कलयुग के सबसे बड़े संशय के बारे में कहा कि आज इंसान को अपनी ही प्रतिभा पर भरोसा नहीं है. संशय रूपी पक्षी को उड़ाने के लिए भक्त करतल ध्वनि करें. 

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