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UP News: यूपी महिला आयोग का बड़ा फरमान, प्रधान और नगरपालिका प्रमुखों के पति बैठक में दिखे तो खैर नहीं

UP News: उत्तर प्रदेश में अब किसी भी सरकारी बैठक में महिला जनप्रतिधि के पति या किसी संबंधी को बैठने पर पाबंदी लगा दी गई है. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के इस निर्देश से खलबली मच गई है. जानिए क्या है पूरा मामला?

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Pooja Singh|Updated: Feb 13, 2025, 07:48 AM IST
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UP News: उत्तर प्रदेश में उस वक्त खलबली मच गई, जब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान का एक निर्देश जारी हुआ. जिसके मुताबिक, अब किसी भी सरकारी बैठक में महिला जनप्रतिधि के पति या किसी संबंधी को बैठने की इजाजत नहीं है. दरअसल, यूपी में नारी को सशक्त बनाने पर फोकस किया जा रहा है. हर क्षेत्र में नारी शक्ति को सक्षम बनाने के लिए हर संभावना को भी टटोला जा रहा है. ऐसे में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने जो निर्देश दिए हैं, उससे अलग ही सवाल उठने लगे हैं. 

अधिकारियों को सख्त निर्देश
उधर, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने जनसुनवाई के दौरान अधिकारियों को सख्ती से निर्देश दिए हैं. उनका कहना है कि अगर महिला जनप्रतिनिधि को जानकारी का अभाव है तो उन्हें जानकारी दी जाए. बिना उनकी जानकारी के किसी भी दस्तावेज पर साइन ना करें. जानकारी के मुताबिक, नवीन सर्किट हाउस के सभागार में राज्य महिला आयोग की जनसुनवाई की गई. उनका कहना है कि महिला जनप्रतिनिधि को कार्य प्रणाली की समझ के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया जाए.

सगे-संबंधी को बैठने की अनुमति नहीं
इस बैठक में आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान का कहना है कि जब भी बैठक होगी तो खुद महिला जनप्रतिनिधि को शामिल होना होगा. आपको बता दें, जिले में 280 ग्राम प्रधान महिलाएं हैं. अक्सर किसी न किसी महिला प्रधान के पति या कोई संबंधी बैठक में शामिल हो जाते हैं, लेकिन अब किसी सरकारी बैठक में कोई महिला प्रधान की जगह उनके पति या किसी संबंधी को बैठने की अनुमति नहीं होगी.

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कार्य प्रणाली की समझ 
रिपोर्ट्स की मानें तो सरकारी बैठक में महिला जनप्रतिनिधि के पति या कोई संबंधी न शामिल हों, इसकी समीक्षा अधिकारी को खुद करना होगा. निर्देश में कहा गया है कि अगर महिला जनप्रतिनिधि को कार्य योजना की जानकारी, कार्य की नियमावली की जानकारी नहीं है तो महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाए. इसके लिए स्पेशल सेमिनार या वर्कशॉप आयोजित किया जाएगा. जिससे कार्यों की प्रणाली की समझ महिला जनप्रतिनिधि में विकसित की जा सके.

कौन हैं बबीता चौहान?
बबीता चौहान खेरागढ़ से जिला पंचायत सदस्य बनीं थी. जिला पंचायत चुनाव में ठाकुर बहुल्य क्षेत्र खेरागढ़ के वार्ड 31 से वे सदस्य बनीं. पार्टी की मंशा के अनुरूप उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए डॉ. मंजू भदौरिया को समर्थन दिया. जिला पंचायत सदस्य बनने के बाद से ठाकुर बहुल्य क्षेत्र खेरागढ़ में उनकी सक्रियता बढ़ गई. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में सक्रियता निभाने के साथ ही उन्होंने विधानसभा चुनाव 2022 में टूंडला विधान सभा क्षेत्र प्रभारी के रूप में कार्य किया. 2023 में शिकोहाबाद नगर पालिका चुनाव में प्रभारी रहीं. 

महिला मोर्चा में सक्रिय भूमिका
पार्टी ने उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी, वो निभाती गईं. महिला मोर्चा में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही. महिला जनप्रतिनिधि को जनता चुनती है, लेकिन महिला जनप्रतिनिधि के अपने ही वित्तीय हेराफेरी कर देते हैं. पहले कई बार बड़े-बड़े घोटाले भी इस वजह से हुए हैं. इस कार्यशैली पर विराम लगाने के लिए यह अहम कदम होगा.

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