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जिस जज ने आदेश दिया उसी को 'चोर' समझ खोजती रही पुलिस, फिरोजाबाद में अजब-गजब मामला सामने आया

Firozabad news: फिरोजाबाद पुलिस का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है. यहां पुलिस गैर जिम्मेदार रवैया अपनाते हुए मुल्जिम की बजाय न्यायिक अधिकारी की तलाश करती रही और इसी आशय की रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर दी. 

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सांकेतिक तस्वीर. क्रेडिट Meta AI
सांकेतिक तस्वीर. क्रेडिट Meta AI
Zee Media Bureau|Updated: Apr 14, 2025, 12:15 PM IST
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प्रेमेंद्र कुमार/फिरोजाबाद: यूपी की फिरोजाबाद पुलिस का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है. यहां पुलिस गैर जिम्मेदार रवैया अपनाते हुए मुल्जिम की बजाय न्यायिक अधिकारी की तलाश करती रही और इसी आशय की रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर दी. इसमें मुल्जिम की बजाय न्यायिक अधिकारी का नाम दर्ज करते हुए कहा कि इस नाम की कोई अभियुक्ता (आरोपी) पते पर नहीं रहती है.

कार्यशैली पर उठे सवाल
जांच अधिकारी की इस गैर जिम्मेदाराना रिपोर्ट को न्यायिक अधिकारी ने गंभीरता से लेते हुए आईजी को इस मामले में पत्र लिखकर पुलिस की कार्यशैली से अवगत कराया है. आदेश की कॉपी डीजीपी उत्तर प्रदेश और पुलिस अधीक्षक फिरोजाबाद को भेजने का आदेश पारित किया है. हालांकि पुलिस के आला अधिकारी इस पर अभी कुछ भी नहीं कह रहे हैं. लापरवाह एसआई को लाइन हाजिर कर विभागीय जांच शुरू की गई है.

क्या है पूरा मामला?
मामला थाना उत्तर से जुड़ा हुआ है. अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन फिरोजाबाद नगमा खान की न्यायालय में मुकदमा संख्या 2672 सन 2012 सरकार बनाम राजकुमार आदि चोरी एवं चोरी का माल बरामद होने का विचाराधीन है. मुकदमा में आरोपी राजकुमार उर्फ पप्पू निवासी कोटला रोड पीके मांटेसरी स्कूल के पास थाना उत्तर अदालत में गैर हाजिर चल रहा था. जिसके खिलाफ न्यायालय से कई बार गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए. लेकिन उसके हाजिर नहीं होने पर न्यायिक अधिकारी नगमा खान ने मुल्जिम के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट एवं कुर्की की कार्रवाई जारी की.

लेकिन एसआई ने या तो दस्तावेज को गलत या ध्यान से नहीं पढ़ा और आरोपी की बजाय मजिस्ट्रेट का नाम दर्ज कर तलाश शुरू कर दी. पुलिस उप निरीक्षक बनवारी लाल ने कोर्ट में इसकी रिपोर्ट दाखिल की. और बेफिक्र दिखाई दिए. कोर्ट में एसआई ने कहा कि नगमा खान (जज) को अंकित पते पर काफी तलाश किया गया तो पता चला कि उस पते पर इस नाम की कोई अभियुक्ता नहीं रहती है. 

न्यायिक अधिकारी नगमा खान ने पुलिस की इस रिपोर्ट पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाया और डयूटी के प्रति बहुत ही लापरवाह माना है. मुकदमा में अग्रिम तिथि 26 अप्रैल 2025 नियत की है. न्यायिक अधिकारी ने आईजी व डीजीपी को पत्र लिखकर इससे अवगत कराया है.

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