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हवा में उड़ रहा था नाग, लोगों ने देखा तो उड़े होश, यूपी के इस जिले ने देखा अद्भुत नजारा

Ahaetulla Longirostris Snake: आपने अक्सर जमीन पर रेंगने वाले सांपों को देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी उड़ने वाले सांप को देखा है? भले ही आपका आमना-सामना उनसे न हुआ हो, लेकिन यूट्यूब, डिस्कवरी चैनल या किसी फिल्म में आपने उन्हें जरूर देखा होगा. आज हम आपको ऐसे ही एक उड़ने वाले सांप की रोचक जानकारी देने जा रहे हैं. 

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 Ahaetulla Longirostris Snake
Ahaetulla Longirostris Snake
Zee Media Bureau|Updated: Apr 04, 2025, 02:40 PM IST
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Dudhwa Tiger Reserve Found Ahaetulla Longirostris: उत्तर प्रदेश के दुधवा टाइगर रिजर्व में पहली बार दुर्लभ "अहेतुल्ला लॉन्गिरोस्ट्रिस" सांप देखा गया है, जिसे लंबी नथनी वाला बेल सांप या फ्लाइंग स्नेक भी कहा जाता है. यह सांप पेड़ों पर रहता है और उड़ते हुए प्रतीत होता है. यह अनोखी प्रजाति आमतौर पर डिस्कवरी चैनल या फिल्मों में ही देखने को मिलती है. यह खोज वन्यजीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है.  

पेड़ों पर उड़ने वाला सांप
इस सांप की सबसे बड़ी खासियत इसकी बनावट और रंग है. इसका हरा रंग पत्तियों में इस कदर घुल-मिल जाता है कि यह नजर ही नहीं आता. यह सांप पेड़ों की शाखाओं पर फुर्ती से चलता है और छलांग लगाता है, जिससे यह उड़ते हुए जैसा दिखाई देता है. यही कारण है कि यह सांप बेहद कम दिखाई देता है और अब तक भारत में केवल एक बार बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में ही देखा गया था.

खोज का रोमांचक क्षण
यह खोज 28 मार्च को तब हुई, जब गैंडा पुनर्वास प्रोजेक्ट फेज 2 के तहत पलिया खेरी डिवीजन में दो गैंडों को जंगल में छोड़ा जा रहा था. उसी समय जब वन विभाग की टीम सुरक्षा जांच के लिए दीमक के एक टीले की सफाई कर रही थी, तभी उन्हें यह हरे रंग का दुर्लभ सांप नजर आया.

फील्ड बायोलॉजिस्ट विपिन कपूर सैनी और उनकी टीम ने इस सांप की पहचान की. इसके बाद इस सांप को बेहद सावधानी से पास के एक दूसरे दीमक के टीले में छोड़ दिया गया ताकि पर्यावरण में कोई हस्तक्षेप न हो.

विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
दुधवा टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक ने बताया कि यह सांप अपनी विशेष बनावट और आदतों के कारण बेहद अनोखा है. यह खोज न केवल दुधवा की जैव-विविधता को दिखाती है, बल्कि संरक्षण के नए रास्ते भी खोलती है.
वन विभाग ने इस सांप की खोज को रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया है और इसके व्यवहार पर अध्ययन शुरू कर दिया गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सांप न सिर्फ दुर्लभ है, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है.

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