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Varanasi: जहां काल से नहीं भय.. पानी में बहता है अमृत, काशी का वो रहस्यमयी शिव मंदिर, जहां मौत भी हार मान जाती है!

Mrityunjay Mahadev: काशी के मृत्युंजय महादेव मंदिर के बारे में आपने सुना है? अगर नहीं सुना है तो आपको इसके बारे में जरूर जानना चाहिए. इस मंदिर से जुड़ी ऐसी बातें हैं जिसके बारे में हर शिवभक्त को जरूर जानना चाहिए.

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Varanasi: जहां काल से नहीं भय.. पानी में बहता है अमृत, काशी का वो रहस्यमयी शिव मंदिर, जहां मौत भी हार मान जाती है!
Gunateet Ojha|Updated: Jul 24, 2025, 02:20 PM IST
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Varanasi Shiv Temple: सावन के महीने में भोल बाबा के भक्तों की कतार हर शिवालय में दिख रही है. इस पवित्र महीने में काशी यात्रा का विशेष महत्व होता है. काशी को ऐसे ही शिवनगरी नहीं कहा जाता है. काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में तो हर कोई जानता होगा लेकिन काशी में ऐसे कई मंदिर हैं जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. आज भोल बाबा के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में आपको बताएंगे जहां एक बार जाने से ही भक्तों का हर दुख दूर हो जाता है. यहां तक कि मौत का डर भी दूर भाग जाता है. आइये आपको बताते हैं काशी धाम में बसे मृत्युंजय महादेव के बारे में.

मृत्यु के भय से मुक्ति

काशी यानी वाराणसी में हर एक मंदिर भक्तों के लिए आध्यात्मिक शांति और भक्ति का केंद्र है. मृत्युंजय महादेव की बात करें तो यह एक चमत्कारी मंदिर है. यह मंदिर विश्वेश्वरगंज में कालभैरव मंदिर के पास स्थित है. भगवान शिव का यह स्वरूप भक्तों को मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाता है. माना जाता है कि यहां के दर्शन मात्र से मन की हर कामना पूरी होती है और मंदिर का अमृत तुल्य जल कई रोगों को दूर करता है.

महामृत्युंजय मंदिर का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

महामृत्युंजय मंदिर का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व शास्त्रों में भी वर्णित है. भगवान शिव का यह स्वरूप अकाल मृत्यु से रक्षा करने वाला माना जाता है. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार, मंदिर में मौजूद जल कई भूमिगत धाराओं का मिश्रण है, जो औषधीय गुणों से युक्त है. धार्मिक मान्यता है कि इस जल को पीने से कई शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है. इसे 'अमृत जल' कहा जाता है, जो न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को शांति भी करता है.

महामृत्युंजय मंत्र का जाप

सावन के साथ ही सोमवार, रविवार, प्रदोष, महाशिवरात्रि और शिवरात्रि के साथ ही सामान्य दिनों में भी भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. श्रद्धालु मंदिर में हाजिरी लगाने के साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करते हैं. मान्यता है कि बाबा मृत्युंजय के दर्शन मात्र से मन की हर कामना पूरी होती है. नियमित रूप से यहां पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों का कहना है कि उनके जीवन से कष्ट दूर हो जाते हैं और बाबा की कृपा बरसती है. मंदिर के परिसर में धनवंतरी कूप है, जिसका उल्लेख शिव पुराण में मिलता है. जिसके अनुसार कूप में भगवान धनवंतरी ने कई जड़ी-बूटियां डाली थीं. इसलिए कहा जाता है कि इसका जल पीने से तमाम तरह के घाव और रोग ठीक हो जाते हैं.

क्या कहता है शिवपुराण

शिवपुराण के अनुसार, महादेव ने 'महामृत्युंजय मंत्र' की रचना की थी और इसका रहस्य माता पार्वती को ही बताया था. महामृत्युंजय मंत्र के जाप करने से रोगों से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि मृत्युंजय महादेव के दर्शन करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है. बाबा के मंदिर में प्रतिदिन हाजिरी लगाने वाले श्रद्धालु हेमंत तिवारी ने बताया, “यहां आने से मन को सुकून मिलता है. ऐसा लगता है जैसे बाबा हर मुश्किल को आसान कर देते हैं. मान्यता है कि यहां का जल कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं की भी छुट्टी करता है. सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है. इस दौरान भक्त बेलपत्र, दूध और जल चढ़ाकर बाबा मृत्युंजय का आशीर्वाद लेते हैं. मंदिर का वातावरण भक्ति और श्रद्धा से सराबोर रहता है. सावन के हर सोमवार को यहां विशेष पूजा और अभिषेक का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से लोग शामिल होने के लिए आते हैं.

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