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यूपी के इस जिले में 5,000 पक्षियों को मिली लग्जरी बिल्डिंग, 512 फ्लैट, हर कमरे में 'एसी' जैसा एहसास!

Aligarh Latest News: आपने अब तक सुना होगा कि लोगों को 'आलीशान मकान' सरकार द्वारा दिए जाते हैं, लेकिन शायद ही कभी सुना होगा कि किसी ने पक्षियों के लिए ऐसा शानदार मकान बनाया हो. मगर अलीगढ़ में एक ऐसा ही अनोखा पक्षीघर बनाया गया है. आइए जानते हैं इसकी खासियत...  

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Luxury Birdhouse
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Zee Media Bureau|Updated: Jun 14, 2025, 09:00 PM IST
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Aligarh Hindi News/मनीष शर्मा: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पक्षी संरक्षण को समर्पित एक अनोखी पहल सामने आई है. जहां पर  60 फीट ऊंचा एक भव्य पक्षीघर न सिर्फ पक्षियों के लिए सुरक्षित आश्रय बना है, बल्कि पूरे इलाके में पर्यावरण संरक्षण की मिसाल भी बन गया है. 7 लाख रुपये की लागत से बनाए गए इस पक्षीघर में कुल 512 छोटे फ्लैट बनाए गए हैं, जिनमें हर फ्लैट में लगभग 10 पक्षी आराम से रह सकते हैं. यानी इस संरचना में एक साथ 5,000 से अधिक पक्षियों को आश्रय देने की क्षमता है. 

कहां पर हुआ इसका निर्माण?
दरअसल, इसका निर्माण इगलास तहसील स्थित गांव दुमेड़ी में हुआ है. आपको बता दें कि इस पक्षीघर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह पूरी तरह से प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल है. गर्मियों में यह ठंडा रहता है, जबकि सर्दियों में भीतर गर्माहट बनी रहती है, जिससे पक्षियों को हर मौसम में आरामदायक वातावरण मिल सके. इसे देखने के लिए आस-पास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.

माता-पिता की स्मृति में कराया निर्माण
गांव के निवासी रामनिवास शर्मा और उनके भाई देवकीनंदन शर्मा ने अपने माता-पिता की स्मृति में इस पक्षीघर का निर्माण कराया. रामनिवास शर्मा ने बताया कि पहले उनके पास एक बाग था जिसमें सैकड़ों पक्षी रहते थे, लेकिन जब बाग की कटाई हुई तो पक्षी बेघर हो गए. इसके बाद उन्होंने इन पक्षियों के लिए स्थायी और सुरक्षित आश्रय बनाने का संकल्प लिया.

अब बन रहा है 'पक्षी बाग'
इस नेक कार्य को आगे बढ़ाते हुए शर्मा परिवार अब 50 लाख रुपये की लागत से तीन बीघा जमीन पर एक 'पक्षी बाग' विकसित कर रहा है. इस बाग में ढेर सारे पेड़-पौधे लगाए जाएंगे ताकि पक्षियों को भोजन, पानी और प्राकृतिक आवास मिल सके. यह जमीन करीब 45 लाख रुपये मूल्य की है, जबकि 5 लाख रुपये पौधारोपण व अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च किए जा रहे हैं. 

ग्रामीणों ने की पहल की सराहना
स्थानीय ग्रामीणों ने इस अभिनव प्रयास की जमकर सराहना की है. उन्होंने कहा कि यह पक्षीघर न सिर्फ पक्षियों का घर बना है, बल्कि लोगों को प्रकृति और जीवों के प्रति संवेदनशील बनाने का भी कार्य कर रहा है. ग्रामीणों का मानना है कि इस तरह की पहल गांवों और शहरों दोनों में की जानी चाहिए ताकि तेजी से खत्म हो रहे पक्षी आवासों की भरपाई की जा सके. यह पक्षीघर न केवल एक संरचना है, बल्कि यह एक सोच है  जो प्रकृति, जीव-जंतुओं और मानवता के बीच संतुलन बनाए रखने का संदेश देती है. 

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