Ballia News, मनोज चतुर्वेदी: बेजुबान बंदर और इंसानों के बीच अनूठे प्रेम की एक कहानी बलिया में देखने को मिली. बलिया शहर के गुदरी बाजार में एक लंगूर जिसका नाम बजरंगी था. उसकी मौत के बाद स्थानीय लोगों ने भंडारे का आयोजन किया. दरसअल, 6 महीने पहले स्थानीय लोगों को एक लंगूर का बच्चा घायल अवस्था में मिला.
बजरंगी के नाम पर भंडारा
लोगों ने लंगूर की मरहम पट्टी की और धीरे-धीरे लंगूर इंसानों का दोस्त बन गया. इलाके के बच्चे बूढ़े जवान सभी बजरंगी को बहुत प्यार करते थे. दो सप्ताह पूर्व बजरंगी की मौत हो गई, तो इलाके के लोगों ने विधि-विधान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया और मंगलवार को बजरंगी के नाम पर भंडारे का आयोजन किया. जहां हजारों लोग शामिल हुए.
बजरंगी से अपनों सा लगाव
बजरंगी की सेवा करने वाले नीता कुमार की आखें भर आई. उनका कहना है कि बजरंगी की मौत हो गई, लेकिन वो आज भी हर किसी के दिल में जिंदा है. इस बंदर से जुड़ी हर एक तस्वीर टीवी स्क्रीन पर दिखाई जा रही थी. दूसरी तरफ मंच पर स्थानीय कलाकार हनुमान और राम से जुड़ी रोचक कहानियों को संगीत के माध्यम से लोगों को सुना रहे थे.
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