Lalitpur Hindi News/अमित सोनी: उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं. ललितपुर जिले के बार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) से एक बेहद चौंकाने और शर्मनाक घटना सामने आई है. आरोप है कि एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को अस्पताल लाया गया, लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर शराब के नशे में धुत होकर कमरे में पड़े रहे और इलाज नहीं मिला. जिससे घायल की मौत हो गई. इस घटना के बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया.
कब की है घटना?
घटना बीती रात की है जब एक होमगार्ड सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था. राहगीरों ने तत्परता दिखाते हुए घायल को इलाज के लिए बार CHC पहुंचाया. लेकिन वहां तैनात डॉक्टर वंश गोपाल गुप्ता को बार-बार बुलाने के बावजूद वे कमरे से बाहर नहीं निकले. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार डॉक्टर साहब नशे में चड्डी-बनियान में अपने कमरे में पड़े हुए थे और फोन पर कॉल करने व दरवाज़ा खटखटाने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे थे.
मर रहा है तो मरने दो!
घायल मरीज के साथ आए उसके साथी इंद्रपाल सिंह ने बताया कि लगातार आधे घंटे तक डॉक्टर साहब को फोन करते रहे, स्टाफ ने भी कोशिश की लेकिन उन्होंने दरवाज़ा नहीं खोला. जब किसी तरह अंदर पहुंचे तो देखा कि डॉक्टर साहब शराब के नशे में पड़े हुए थे. जब हमने बताया कि मरीज के सिर से लगातार खून बह रहा है, तो डॉक्टर ने कहा कि मर रहा है तो मरने दो. आरोप है कि इलाज में देरी और लापरवाही के कारण होमगार्ड की मौके पर ही मौत हो गई.
CMO ने क्या कहा?
इस पूरे मामले को लेकर जब मीडिया ने ललितपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) से बात की तो उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की जा रही है. साथ ही आरोपी डॉक्टर के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार करती है बल्कि सरकारी अस्पतालों की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है.
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