Kasganj Hindi News/गौरव तिवारी: अगर शादी में डीजे न बजे, तो शादी में मज़ा ही क्या! आप खुद सोचिए, बिना डीजे के बारात कैसी लगेगी न नाच-गाना, न उत्साह, लेकिन गांव की सभी मस्जिदों के मौलानाओं और काजियों ने एक संयुक्त बैठक कर यह फैसला लिया है कि यदि किसी शादी समारोह में डीजे बजाया गया, तो उस निकाह को अंजाम नहीं दिया जाएगा. इतना ही नहीं, बाहर से आने वाले मौलानाओं को भी ऐसे आयोजनों में निकाह पढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
किस गांव का है मामला?
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के गंजडुंडवारा क्षेत्र के गांव पचपोखरा की बताई जा रही है. जहां पर गांव की सभी मस्जिदों के मौलाना और काजियों ने मिलकर ये फैसला लिया है. इसके पीछे उन्होने ये तर्क दिया है कि डीजे बजाना इस्लामिक परंपराओं के खिलाफ है और यह निकाह जैसी पाक रस्म की पवित्रता को ठेस पहुंचाता है. उनका कहना है कि शादियों में अनावश्यक खर्च, तेज शोरगुल और दिखावा बढ़ता जा रहा है, जिसे अब रोकने की ज़रूरत है. इस्लामी मान्यताओं के अनुसार गाना-बजाना हराम माना गया है, और ऐसे में डीजे बजाकर निकाह का आयोजन करना अनुचित है.
गांववालों की राय
गांव में इस फैसले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. कुछ लोग इसे समाज में अनुशासन और धार्मिक मर्यादा बनाए रखने की दिशा में सकारात्मक कदम बता रहे हैं. वहीं, कुछ लोग इसे व्यक्तिगत आज़ादी में दखल मानते हुए आलोचना कर रहे हैं.
समर्थकों का कहना है कि इस फैसले से मुस्लिम समाज में सादगीपूर्ण और धार्मिक रीति-रिवाज़ों के अनुरूप विवाह समारोह आयोजित करने की परंपरा को बढ़ावा मिलेगा.
आगे क्या होगा?
अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में इस फैसले को गांव में कितनी सख्ती से लागू किया जाता है और क्या दूसरे गांव भी इस तरह का निर्णय अपनाते हैं.
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