Bahraich Violence News: बहराइच हिंसा मामले में बुलडोजर एक्शन पर लगी रोक की मियाद आज खत्म हो गई है. ऐसे में आज फिर हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच इस मामले की सुनवाई करने वाली थी, लेकिन वकीलों के बायकॉट के चलते ये सुनवाई नहीं हो पाई. अब 6 नवंबर को जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की डबल बेंच इसकी सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई पर यूपी की योगी सरकार से हाईकोर्ट ने जवाब मांगा था. माना जा रहा था कि आज इस पर कोर्ट का फैसला आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. दरअसल, गाजियाबाद में वकीलों पर कोर्ट रूम में लाठी चार्ज हुआ था. जिसके चलते वकीलों में काफी नाराजगी है. इसी नाराजगी के चलते वकीलों ने आज बायकॉट का ऐलान किया है.
आपको बता दें, पीडब्ल्यूडी ने बहराइच हिंसा के बाद महाराजगंज इलाके में आरोपियों समेत 23 परिवारों के घरों पर बुलडोजर चलाने के लिए नोटिस जारी किया था. इस बुलडोजर एक्शन पर रोक के लिए हाई कोर्ट में जनहित याचिका डाली गई थी. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 15 दिन का समय दिया था.
बुलडोजर एक्शन पर सुनवाई
बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 23 लोगों के घर और दुकान पर नोटिस लगाई गई थी. जिसमें उनके निर्माण को अवैध बताया गया था. जिसके बाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने PWD द्वारा सड़क पर कथित अतिक्रमण करने वालों को जारी नोटिस पर जवाब मांगा था. पहले PWD को जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया था, जिसे कोर्ट ने बढ़ाकर 15 दिन कर दिया. कोर्ट ने कहा था कि संबंधित प्राधिकारी प्रभावित लोगों के जवाब पर विचार कर निर्णय लेंगे. हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई थी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना कस्बे में सोशल मीडिया पर एक धर्म विशेष के खिलाफ पोस्ट में गई और कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई. जिससे नाराज लोगों ने बवाल कर दिया. जब पुलिस एक्शन में आई तो प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से भी धक्का-मुक्की की. जिससे स्थिति और बेकाबू हो गई. इस मामले में पुलिस ने 700 लोगों के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और निषेधाज्ञा के उल्लंघन का मामला दर्ज किया. इतना ही नहीं विवादित टिप्पणी करने के आरोपित निखिल त्यागी की गिरफ्तारी भी हुई.
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