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Prayagraj news: माघ मेले से पहले ही गंगा जल हुआ काला, श्रद्धालुओं को दिक्कतों का करना पड़ा सामना

Prayagraj news: प्रयागराज के संगम तट पर 14 जनवरी से आस्था के सबसे बड़े माघ मेले की शुरुआत हो रही है. लेकिन मेला शुरू होने से पहले ही संगम क्षेत्र में गंगा का जल काला पड़ गया है. त्रिवेणी मार्ग के पहले बनाए गए पांटून पुल के पास गंगा घाट पर जल पूरी तरह से काला दिखाई दे रहा है.  

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Prayagraj news: माघ मेले से पहले ही गंगा जल हुआ काला,  श्रद्धालुओं को दिक्कतों का करना पड़ा सामना
Zee Media Bureau|Updated: Jan 05, 2024, 04:17 PM IST
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Prayagraj news/MOHAMMAD GUFRAN: प्रयागराज के संगम तट पर 14 जनवरी से आस्था के सबसे बड़े माघ मेले की शुरुआत हो रही है. सरकार की तरफ से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही स्नान के लिए स्वच्छ और निर्मल जल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. लेकिन मेला शुरू होने से पहले ही संगम क्षेत्र में गंगा का जल काला पड़ गया है. त्रिवेणी मार्ग के पहले बनाए गए पांटून पुल के पास गंगा घाट पर जल पूरी तरह से काला दिखाई दे रहा है. जल से दुर्गंध भी आ रही है, जिसके चलते दूरदराज से स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतें हो रही है. 

घाटों पर रहने वाले पुरोहित और घाटिए गंगा जल के काला पड़ने की वजह कानपुर के फैक्ट्रियों, टेनरी और गंदे नालों के पानी का गंगा में छोड़ा जाना बता रहे हैं. प्रयागराज में स्नान के लिए दूरदराज से पहुंचे श्रद्धालु भी गंगा का जल काला देखकर हैरान है. श्रद्धालुओं का कहना है कि वह स्नान के लिए आए हैं, लेकिन जल आचमन के भी लायक नही है. वहीं संगम क्षेत्र में रहने वाले तीर्थिपुरोहित कहते हैं कि सरकार ने स्वच्छ और निर्मल गंगा का अभियान जरूर चला रही है. लेकिन प्रयागराज में गंगा का जल काला होना बता रहा है कि व्यवस्थाएं और प्रशासन गंगा के प्रति उदासीन है. माघ मेला 14 जनवरी से शुरू हो जाएगा. 

15 जनवरी को मकर संक्रांति का पहला स्नान पर्व है, दूरदराज से श्रद्धालु स्नान के लिए आएंगे. लेकिन अभी से गंगा का जल काला पड़ गया है जो व्यवस्था के दावे पर सवाल खड़ा कर रहा है. वहीं माघ मेला के प्रभारी अधिकारी दयानंद प्रसाद का कहना है कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ और निर्मल जल स्नान के लिए उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता में है. गंगा में जल की कमी के चलते कुछ जगह पर जल काला जरूर पड़ गया है. लेकिन दूसरे जगह से कई लाख क्यूसेक जल गंगा जी में छोड़ा गया है. अगले कुछ दिनों में वह जल जब यहां पहुंचेगा, तो गंगा बिल्कुल अविरल और निर्मल दिखाई देंगी.

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