Amroha Mock Drill Latest Update: उत्तर प्रदेश में मॉक ड्रिल की तैयारियां जोरों पर हैं. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लोगों को जागरुक करने के लिए यह अभ्यास किया जा रहा है. अमरोहा में भी आपदा से निपटने की तैयारियां तेज कर दी गई हैं. अमरोहा नगर में आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखने के लिए एक बड़े स्तर पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. यह अभ्यास नगर के राजकीय इंटर कॉलेज के विशाल मैदान में किया गया. जहां अलग-अलग आपातकालीन एजेंसियों ने आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने का प्रदर्शन किया.
अमरोहा में मॉक ड्रिल
मॉक ड्रिल की कमान खुद जिले के उच्च अधिकारियों ने संभाली. अपर पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार सिंह की अगुवाई में प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन विभाग, सिविल डिफेंस और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर मौजूद रहीं. सभी विभागों ने मिलकर आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्यों का सजीव प्रदर्शन किया. ड्रिल में एक काल्पनिक आपदा की स्थिति बनाई गई. जिसमें स्कूल भवन के गिरने और कई छात्रों के घायल होने का दृश्य प्रस्तुत किया गया. इसके बाद टीमों ने आपसी समन्वय के साथ घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर बाहर निकाला. प्राथमिक उपचार दिया और एंबुलेंस के जरिए उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया.
क्या कहा ASP राजीव कुमार सिंह ने?
दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पाने का भी प्रदर्शन किया. जिससे मौके पर मौजूद लोगों को वास्तविक आपदा की झलक देखने को मिली. अपर पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि इस तरह की मॉक ड्रिल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी आपात स्थिति में प्रशासनिक एजेंसियां तत्काल और समन्वित कार्रवाई कर सकें. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को भी इस प्रक्रिया से जोड़ना जरूरी है, ताकि वे संकट के समय घबराएं नहीं, बल्कि सही दिशा में कदम उठा सकें.
छात्रों को इमरजेंसी हालातों से निपटने के टिप्स
अमरोहा के राजकीय इंटर कॉलेज में आज सुबह एक अहम तैयारी अभियान के तहत मॉक ड्रिल से पहले छात्रों को इमरजेंसी हालातों से निपटने के टिप्स दिए गए. इस मौके पर एसडीएम, सीओ और दो थाना अध्यक्ष खुद मौके पर मौजूद रहे. कार्यक्रम में एनसीसी कैडेट्स और छात्र-छात्राओं को बताया गया कि किसी भी आपदा या आकस्मिक स्थिति में कैसे सतर्कता और संयम के साथ प्रतिक्रिया दी जानी चाहिए. अधिकारियों ने फायर सेफ्टी, भगदड़ से बचाव, प्राथमिक उपचार और बचाव दल से सहयोग जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी.
छात्रों ने अधिकारियों से पूछे सवाल
ड्रिल से पहले छात्र-छात्राओं ने अधिकारियों से सीधे सवाल भी पूछे, जिनका अधिकारियों ने सहजता से जवाब देकर उनके मन की शंका दूर की. मॉक ड्रिल का मकसद छात्रों को न सिर्फ जागरूक करना था बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी तैयार करना था कि मुश्किल हालात में घबराएं नहीं, बल्कि समझदारी से काम लें.