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इस्लाम पसंद नहीं आया... फिरोज खान से कृष्णा यादव बने युवक ने बताई अपनी कहानी, जानिए कैसे मिला 'यादव' सरनेम

Ayodhya Hindi News: अयोध्या से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां एक मुस्लिम युवक ने स्वेच्छा से इस्लाम धर्म छोड़कर सनातन हिंदू धर्म अपना लिया है. आइए जानते हैं ‘फिरोज’ से ‘कृष्णा यादव’ बनने तक का सफर...

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Muslim youth converted to Hinduism
Muslim youth converted to Hinduism
Zee Media Bureau|Updated: Jun 29, 2025, 02:41 PM IST
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Ayodhya Latest News//प्रवेश कुमार: कुछ कहानियां केवल शब्दों में नहीं, आत्मा में उतरती हैं. ऐसी ही एक सच्ची और भावनात्मक कहानी सामने आई है अयोध्या से, जहां एक मुस्लिम युवक ने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म को त्यागकर सनातन हिंदू धर्म को अपनाया है. भरत कुंड स्थित श्री भरत हनुमान मिलन मंदिर में विधिवत रीति-रिवाजों के साथ यह धर्म परिवर्तन संपन्न हुआ, और अब युवक का नया नाम है  कृष्णा यादव.

क्यों अपनाया सनातन धर्म?
अंबेडकर नगर जिले के मालीपुर निवासी फिरोज खान, जो अब कृष्णा यादव बन चुका है, बीते कुछ वर्षों से अयोध्या के करम अली पुरवा में किराए पर रह रहा था और एक मिठाई की दुकान पर काम करता था. काम के दौरान उसका लगाव हिंदू संस्कृति, भजन-कीर्तन, आरती और पूजा-पाठ से बढ़ता गया. धीरे-धीरे उसका मन सनातन परंपराओं की ओर आकर्षित होता चला गया. हिंदू धर्म की सहिष्णुता, आध्यात्मिकता और संस्कृति से वह इतना प्रभावित हुआ कि अंततः उसने सनातन धर्म को ही अपनाने का निर्णय लिया.

फिरोज खान से बने कृष्णा यादव ने कहा कि जब से रामनगरी में आए है. मेरी जिंदगी बदल गई. मुझे हिंदू धर्म पसंद है. मैं अपने मर्जी से हिंदू धर्म अपना रहा हूं. इस दौरान ये भी कहा कि मुझे मुश्लिम धर्म पसंद नहीं है. अब मेरा नाम कृष्णा यादव ही रहेगा.

कैसे हुआ धर्म परिवर्तन?
भरत कुंड के श्री भरत हनुमान मिलन मंदिर में महंत परमात्मा दास जी और अन्य संतों की उपस्थिति में विधिवत शुद्धिकरण और पूजा अनुष्ठान के बाद फिरोज खान को सनातन धर्म की दीक्षा दी गई. इस मौके पर उसे हनुमान चालीसा भेंट की गई और मंदिर परिसर में उसका स्वागत किया गया. अब वह पूर्ण रूप से सनातन परंपराओं का पालन कर रहा है.

'यादव' सरनेम क्यों?
फिरोज का नया नाम कृष्णा यादव क्यों रखा गया? इस पर संतों का कहना है कि यह नाम प्रतीकात्मक रूप से श्रीकृष्ण के प्रति उसकी श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है. चूंकि भगवान श्रीकृष्ण यादव वंश के थे, और फिरोज ने स्वयं भी उनके आदर्शों और जीवन दर्शन से प्रेरणा ली है, इसलिए उसे ‘यादव’ सरनेम दिया गया. कृष्णा यादव उर्फ फिरोज के माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं. अकेलेपन और आत्मिक शांति की खोज में उसने एक ऐसे मार्ग को अपनाया जो उसे आत्मिक संतोष और आध्यात्मिक ऊर्जा देता है. अब वह हिंदू धर्म के अनुसार जीवन जीने का संकल्प ले चुका है.

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