Ram Mandir News : अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लगातार भीड़ बढ़ रही है. मंदिर में वीआईपी व वीवीआईपी दर्शनार्थियों के आने और जाने के लिए तीन अलग द्वार बनाए जा रहे हैं. ऐसे में जन्मभूमि पथ पर आम श्रद्धालुओं की आवाजाही में कोई व्यवधान नहीं होगा. बताया जा रहा है कि कुछ दिनों में बीजेपी शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वहां की पूरी कैबिनेट को आना है. ऐसे में इस नई व्यवस्था को प्रभावी किया जाएगा. हालांकि वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन के लिए भी कोई शुल्क नहीं है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को राम मंदिर परिसर में वरिष्ठ अधिकारियों और रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान सीएम ने कई दिशा-निर्देश दिए. सीएम की प्राथमिकता देशभर से आ रहे आम रामभक्तों को आराध्य के सुगम दर्शन कराने पर रहा. इसीलिए वीआईपी और वीवीआईपी के प्रवेश और निकासी की अलग से व्यवस्था करने को लेकर तैयारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि इसके लिए रामजन्मभूमि के गेट नंबर 10 और 11 के साथ एक अन्य वीआईपी गेट को उपयोग में लाया जाएगा. ऐसे में भीड़ बढ़ने की स्थिति में भी सामान्य रामभक्तों को कोई असुविधा नहीं होने पाएगी. उनका दर्शन-पूजन सुचारु ढंग से चलता रहेगा.
जन्मभूमि पथ पर बुजुर्गों के बैठने के लिए हो कुर्सी
अधिकारियों व ट्रस्ट की बैठक में सीएम ने कहा कि ''जन्मभूमि पथ पर पैदल चलने के लिए कारपेट बिछाया जाए. बुजुर्गों के बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था हो. जगह-जगह पीने का पानी उपलब्ध कराया जाए. ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित हो कि भक्तों को बहुत दूर से रामलला के दर्शन न करने पड़ें.सभी को जितना हो सके, उतना करीब से दर्शन कराया जाए. कॉरिडोर के सभी पथों पर अनधिकृत वाहन न खड़ा होने पाएं. नो व्हीकल जोन बनाए जाएं. कहीं पर भी अतिक्रमण की गुंजाइश न रहे.''
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हनुमानगढ़ी व रामलला के दर्शन कर निवेदित की श्रद्धा
इस मौके पर सीएम योगी ने रामजन्मभूमि परिसर के साथ दर्शन व निकासी मार्ग का निरीक्षण किया. मंदिर के गर्भगृह के सामने गूढ़ मंडप का भी जायजा लिया. इन सभी जगहों पर प्रभावी की गई व्यवस्थाओं पर संतोष जताया. इसके पहले हनुमानगढ़ी में मत्था टेकने के बाद मुख्यमंत्री ने रामलला के दर्शन किए. हनुमानगढ़ी में महंत बलराम दास, राजू दास, हेमंत दास व अन्य संतों ने स्वागत किया. राम मंदिर में मुख्य पुजारी सतेंद्र दास, ट्रस्ट महासचिव चंपत राय, न्यासी डॉ. अनिल मिश्र व मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव ने अगवानी की.