trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand02061473
Home >>Ayodhya

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या की वो जगह, जहां कारसेवकों पर चली गोली और कोठारी बंधुओं की हुई मौत

Ayodhya Ram Mandir News: अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए 500 सालों तक चला संघर्ष अब पूरा होने  वाला है. अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है, लेकिन यह आंदोलन में सब कुछ कुर्बान कर देने वाले शहीदों को याद करने का समय भी है. 2 नवंबर 1990 की सुबह का गोलीकांड कौन भूलेगा.

Advertisement
Ayodhya Ram Mandir
Ayodhya Ram Mandir
Zee Media Bureau|Updated: Jan 15, 2024, 07:39 PM IST
Share

Ayodhya ka Itihas: अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए 500 सालों तक चला संघर्ष अब पूरा होने  वाला है. अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है, लेकिन यह आंदोलन में सब कुछ कुर्बान कर देने वाले शहीदों को याद करने का समय भी है. 2 नवंबर 1990 की सुबह का गोलीकांड कौन भूलेगा. वो जगह जहां कारसेवकों पर चलाई गई गोलियां और कोठारी भाइयों की मौत हुई. वो जगह जहां अशोक सिंघल और कोठरी भाई ठहरे थे. उस खौफनाक घटना के चश्मदीद ओम श्री भारती भी थे. भारती ने कहा, वो दिन याद करके आज भी उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं.

हनुमानगढ़ी से महज चंद कदम की दूरी पर ठाकुर विजय राघव मंदिर में 2 नवंबर 1990 को कैसे गोली कांड हुआ. कैसे कोठारी भाइयों की गोली लगने से मौत हुई और कैसे अयोध्या नगरी की एक सड़क शहीद गली में तब्दील हो गई. उन्होंने बताया,  कहां कारसेवकों के शव गिरे पड़े थे. Zee न्यूज पर इस दिन की पूरी कहानी बताते हुए ओम  भारती आज भी सिहर जाती हैं और आंखें डबडबा जाती हैं.उनके पति मंदिर के महंत थे और उस वक्त कारसेवा के लिए रामभक्तों की सेवा कर रहे थे.

और भी पढ़ें

ओम श्री भारती को भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला है. गोलीकांड के बाद से आजतक उन्होंने राम लला के दर्शन नहीं किए ये प्रण लिया था कि जब तक मंदिर नहीं बनेगा दर्शन नहीं करेंगी. भारती 33 साल बाद अब राम लला के दर्शन करने जाएंगी.

कोठारी बंधुओं का असल नाम राम कोठारी और शरद कोठारी था. राम कोठारी 22 साल और शरद ने 20 साल की उम्र में कारसेवा में हिस्सा लेने का फैसला किया. आठ दिसंबर को उनकी बहन पूर्णिमा कोठारी की शादी होनी थी, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. परिवार वालों की राय थी कि दोनों भाइयों में एक ही अयोध्या जाए और दूसरा बहन की शादी के लिए इंतजाम देखे. लेकिन कोठारी बंधुओं की जिद के आगे किसी एक की न चली. विवादित ढांचे पर सबसे पहले 30 अक्टूबर 1990 को भगवा झंडा फहराया गया. 2 नवंबर 1990 को पुलिस फायरिंग में दोनों भाई शहीद हो गए.

बताया जाता है कि दिगंबर अखाड़े से हनुमानगढ़ी के मार्ग पर पुलिस ने लाल कोठी के पास फायरिंग की. इसमें दोनों भाइयों को गोली लगी. राम और शरद की वहीं मौके पर ही मौत हो गई. बहन पूर्णिमा कोठारी का कहना है कि राममंदिर निर्माण उनके भाइयों के लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है.

और भी पढ़ें

जो राम का न हुआ वो...' यदुवंशी कृष्ण के सहारे बीजेपी ने अखिलेश यादव पर बोला करारा हमला

Who Are Shankracharya: कैसे बनते हैं शंकराचार्य, कौन करता है इनका चयन और सनातन धर्म में इनका कितना महत्व है?

 

Read More
{}{}