Ayodhya Latest News: श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या ने एक और अध्यात्मिक उपलब्धि को अपने आंचल में समेट लिया. भव्य श्रीराम मंदिर के मुख्य शिखर पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच स्वर्ण कलश की स्थापना ने मानो संपूर्ण वातावरण को दिव्यता से सराबोर कर दिया. सुबह 9:15 बजे आरंभ हुआ यह अनुष्ठान 10:30 बजे पूर्ण हुआ, और जैसे ही कलश स्थापित हुआ, अयोध्या की हवाओं में श्रद्धा, उत्साह और गर्व की गूंज फैल गई.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने क्या कहा?
ब्राह्मणों की अगुवाई में सम्पन्न यह वैदिक क्रियाकलाप अयोध्या की आत्मा को छू गया. स्थानीय नागरिकों ने इस पल को 'स्वर्णिम इतिहास' बताया और उत्सव सा माहौल पूरे नगर में देखा गया. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह दिव्य कार्य वैशाखी और बाबा साहेब अंबेडकर जयंती जैसे पवित्र अवसर पर सम्पन्न हुआ है.
अब मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजदंड स्थापना की प्रक्रिया प्रारंभ होगी. साथ ही, प्रथम तल पर राजा राम, सप्तऋषियों और परकोटे के मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा शीघ्र ही होगी. चंपत राय ने बताया कि निर्माण स्थल से मशीनें हटाई जा रही हैं और अब वातावरण पूरी तरह धार्मिक अनुष्ठानों के लिए समर्पित होगा.
मंदिर निर्माण का इतिहास
राम मंदिर निर्माण का कार्य औपचारिक रूप से 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन के साथ शुरू हुआ. इसके बाद मंदिर की नींव भराई का काम शुरू हुआ, जो अगस्त 2021 तक चला. जनवरी 2022 में मंदिर का भूतल निर्माण शुरू हुआ. जून 2023 तक गर्भगृह का निर्माण पूर्ण हुआ. दिसंबर 2023 में रामलला की मूर्ति की स्थापना की गई. 22 जनवरी 2024 को मंदिर का भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ. निर्माण कार्य अभी भी पूर्ण रूप से जारी है और 2025 तक मंदिर का संपूर्ण परिसर तैयार होने की उम्मीद है.
और पढे़ं:
राम मंदिर में झलकेगा आंदोलन का इतिहास, पीतल की प्लेटों पर उकेरी गई समर्पण और संघर्ष की गाथा