Ayodhya News/प्रवेश कुमार: करोड़ों राम भक्तों के लिए एक सुखद खबर है. आपको बता दें कि राम मंदिर का निर्माण अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने शनिवार को अयोध्या में यह जानकारी दी. सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि मंदिर में लगने वाले कुल 14 लाख क्यूबिक फीट बंसी पहाड़पुर पत्थर में से 13 लाख क्यूबिक फीट पत्थर का कार्य पूरा हो चुका है और अब केवल एक लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगाना शेष है.
उन्होंने बताया कि मंदिर के लोअर प्लिंथ "रामकथा" की कुल लंबाई लगभग 800 फीट है, जिसमें 500 फीट पत्थर पर म्यूरल (चित्रांकन) बन चुके हैं. वहीं परकोटे में लगने वाले 80 ब्रॉन्ज म्यूरल में से 45 म्यूरल लगाए जा चुके हैं.
मिश्र ने बताया कि यह भारत में पहली बार है जब किसी मंदिर में लगने वाली खिड़कियों में टाइटेनियम धातु का प्रयोग किया जा रहा है. भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल में कुल 32 टाइटेनियम की जालियां लगाई जा रही हैं, जिनकी उम्र 1000 वर्षों से अधिक होती है. एक जाली लगाकर उसका अनुभव किया गया, जो कसौटी पर पूरी तरह खरी उतरी. अब शेष जालियों को लगाने का कार्य तेज़ी से चल रहा है और उम्मीद है कि 15 अगस्त से पहले सभी जालियां लग जाएंगी.
राम मंदिर निर्माण की प्रगति पर जानकारी देते हुए मिश्र ने कहा कि जुलाई के अंत तक सभी निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने की उम्मीद है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अस्थाई मंदिर को भी संरक्षित किया जाएगा, जिसे टीक वुड से बनाया जाएगा और विशेष ग्लास से कवर किया जाएगा जो हर मौसम के अनुकूल होगा. इससे श्रद्धालुओं को यह जानकारी मिल सकेगी कि राम लला अस्थाई मंदिर से अपने स्थायी मंदिर तक कैसे पहुंचे.
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