Ayodhya News:अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए अब मंदिर परिसर के चारों ओर 4 किलोमीटर लंबी और 16 फीट ऊंची दीवार बनाई जाएगी. इस दीवार के ऊपर तीन फीट तक स्टील वायर लगाया जाएगा, जिससे किसी भी तरह की घुसपैठ को रोका जा सके. यह फैसला श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति की बैठक में लिया गया है.
सुरक्षा के लिए किले जैसा घेरा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर जितना भव्य और दिव्य है, उसकी सुरक्षा भी उतनी ही पुख्ता होनी चाहिए. अभी मंदिर के आसपास केवल स्टील वायर और लोहे के खंभे लगे हैं, जिससे सुरक्षा पर्याप्त नहीं है. इसलिए अब चारों तरफ पक्की दीवार बनाई जाएगी, जो जेल की दीवार जैसी मजबूत होगी. उत्तरी गेट से इस निर्माण की शुरुआत होगी और इसे पूरा होने में लगभग एक साल का समय लगेगा.
सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत क्यों पड़ी ?
हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों को कई गंभीर इनपुट मिले हैं, जिससे यह निर्णय लिया गया
1 मार्च 2025: हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने फरीदाबाद से आतंकी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में उसने अयोध्या में राम मंदिर पर हमले की साजिश का खुलासा किया. उसके पास से दो जिंदा हैंड ग्रेनेड बरामद हुए थे.
18 फरवरी 2025: राम मंदिर परिसर में संदिग्ध ड्रोन उड़ता पाया गया, जिसे सुरक्षा बलों ने मारा गिराया था. जांच में पाया गया कि इसका मकसद भगदड़ मचाना हो सकता था. मंदिर क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं है, यहां तक कि विमान भी मंदिर के ऊपर से नहीं उड़ सकते.
राम दरबार की स्थापना
15 मई के बाद श्रद्धालुओं का राम मंदिर में राम दरबार के भी दर्शन हो सकेंगे. ये जानकारी मंगलवार रो राम मंदिर भवन निर्माण समिति की बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्री ने दी. उन्होंने बताया कि मई के शुरूआती 15 दिनों के अंदर जो भी शुभ मुहूर्त होगा उसमें राम दरबार की स्थापना कर दी जाएगी. राम दरबार के दर्शन के पास की व्यवस्था की जाएगी.
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि पास के जरिये एक घंटे में 50 श्रद्धालु और प्रतिदिन 800 श्रद्धालु राम दरबार के दर्शन कर सकेंगे. उन्होंने ये भी बताया कि अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्राहलय में 20 गैलरी का निर्माण किया जा रहा है.
अंगद टीला पर गिलहरी की मूर्ति
राम मंदिर परिसर में धार्मिक आस्था और पौराणिक कथाओं को जीवंत करने का काम भी तेजी से हो रहा है. जल्द ही अंगद टीला पर गिलहरी की एक विशेष मूर्ति स्थापित की जाएगी. यह वही गिलहरी है, जिसका उल्लेख श्रीराम कथा में आता है और जिसने रामसेतु निर्माण में अपनी भूमिका निभाई थी.
अप्रैल तक पूरी तरह तैयार होगा राम मंदिर
श्रीराम जन्मभूमि परिसर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. दिसंबर 2025 तक पूरा मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा. गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा भी स्थापित की जा चुकी है. जिसे अप्रैल में दर्शन के लिए खोला जाएगा
हरियाली से महकेगा मंदिर परिसर
रामचरितमानस में वर्णित वृक्षों को डेढ़ एकड़ जमीन पर लगाया जाएगा. GMR कंपनी इस परियोजना के तहत पेड़-पौधे निशुल्क लगाएगी, जिससे मंदिर परिसर प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व को संरक्षित रख सकेगा.
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