प्रकाश पाण्डेय/मऊ: उत्तर प्रदेश की मऊ जिला जेल में 13 कैदियों में एचआईवी एड्स की पुष्टि हुई है. यह खबर जैसे ही दूसरे कैदियों तक पहुंची जेल में हड़कंप मच गया. वहीं इस जांच के बाद जिला जेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गए हैं.
जांच में चौंकाने वाला खुलासा
जांच के दौरान सामने आया कि संक्रमित कैदियों में से कुछ ने सड़क किनारे या मेलों में टैटू बनवाया था, जबकि कुछ नशे के आदी बताए गए हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों को आशंका है कि गंदे और असुरक्षित तरीकों से टैटू बनवाने या एक ही इंजेक्शन से बार-बार नशे की डोज लेने की वजह से यह संक्रमण फैला होगा.
कैसे फैला संक्रमण ?
जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर में कई मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिसमें कुछ मरीजों ने बताया कि उन्होंने बिना सुरक्षा उपायों के टैटू बनवाए थे. इससे पहले भी यह देखा गया है कि गंदी सुइयों और बिना सैनिटाइज़ किए गए टैटू उपकरणों के कारण एचआईवी संक्रमण फैल सकता है. वहीं, कुछ कैदियों ने नशे की लत के चलते एक ही इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल किया, जिससे उन्हें संक्रमण हो गया.
बलिया और मऊ के कैदी शामिल
मऊ जिला जेल अधीक्षक आनंद शुक्ला ने बताया कि संक्रमित पाए गए 13 कैदियों में 10 बलिया जिले से और 3 मऊ जिले से हैं, फिलहाल, सभी मरीजों को स्वास्थ्य निगरानी में रखा गया है और उन्हें जरूरी चिकित्सा सहायता दी जा रही है.
मऊ में बढ़ रहे एचआईवी मरीज
मऊ जिले में अब तक कुल 2406 एचआईवी संक्रमित मरीज दर्ज हो चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग ने एचआईवी संक्रमण रोकने के लिए जागरूकता अभियान तेज करने की योजना बनाई है, ताकि असुरक्षित टैटू और नशे के कारण संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोका जा सके.
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