प्रकाश पाण्डेय/मऊ: माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर के विधायक अंसारी को सीजेएम कोर्ट ने दोषी करार दे दिया गया है. अब्बास को दो साल की सजा मिली है. राहत के लिए अब्बास हाईकोर्ट जा सकते हैं. 3 मार्च 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी ने मऊ में आयोजित जनसभा में सरकार बनने के बाद अफसरों से हिसाब-किताब बराबर की धमकी दी थी. हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद राहत मिल सकती है. विधायकी पर स्पीकर को फैसला लेना होगा. फैसले की कॉपी स्पीकर के पास जाएगी. स्पीकर विधायकी रद्द कर सकते हैं.
कोतवाली थाने में दर्ज इस मामले में अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी और तीन अन्य लोगों पर चुनाव प्रचार के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को “देख लेने” की धमकी देने का आरोप है.
न्यायालय परिसर के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दी गई है, और कोर्ट परिसर में अंदर जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सघन जांच की जा रही है. बता दें, सीजेएम डॉ. केपी सिंह ने मामले में पक्षकारों की बहस सुनने के बाद फैसला के लिए 31 मई की तिथि नियत की थी. मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है.
अब्बास अंसारी मऊ सदर से विधायक हैं. अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-सुभासपा गठबंधन के तहत मऊ सदर सीट से जीत हासिल की थी, जहां उन्होंने बीजेपी के अशोक सिंह को 38,116 वोटों से हराया था. उनके पिता, दिवंगत गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी, भी मऊ से 5 बार विधायक रह चुके हैं. अब्बास अंसारी क्षेत्र में एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं. कोर्ट का फैसला अब्बास के राजनीतिक करियर को प्रभावित कर सकता है. अगर दोषी पाए गए और दो साल तक की सजा हो गई है तो उनकी विधायकी रद्द हो सकती है.