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HELLO! मैं सीबीआई अफसर बोल रहा हूं...सुनकर रिटायर्ड SHO के पैरो तले निकली जमीन, लग गया 35 लाख का चूना

Azamgarh Latest News: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर रिटायर्ड पुलिस निरीक्षक से CBI और एंटी करप्शन अधिकारी ने 35 लाख रुपये खाते में भेजवा दिए. जब इलका खुलासा हुआ तो पूरे जिले में चर्चाओं का विषय बन गया.   

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सांकेतिक तस्‍वीर
सांकेतिक तस्‍वीर
Zee Media Bureau|Updated: Jun 25, 2025, 09:31 PM IST
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Azamgarh News/वेदेन्द्र प्रताप शर्मा: साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए जनपद की साइबर थाना पुलिस ने गुजरात के भावनगर से दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी फर्जी CBI और एंटी करप्शन अधिकारी बनकर एक रिटायर्ड पुलिस निरीक्षक से 35 लाख रुपये की ठगी में शामिल थे. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान सरवैया कौशिक और भगीरथ सिंह के रूप में हुई है, जो दोनों गुजरात के निवासी हैं.

पीड़ित ने कही ये बात
पुलिस ने बताया कि पीड़ित रिटायर्ड पुलिस निरीक्षक से 23 फरवरी 2025 को एक अज्ञात कॉल आया. कॉलर ने खुद को CBI अधिकारी बताकर डरा-धमकाया और डिजिटल अरेस्ट का हवाला देकर 35 लाख रुपये उनके खातों में ट्रांसफर करवा लिए. इस दौरान ये भी बताया कि फोन पर कहा गया था कि जो रुपये तुम्हारे खाते में आए हैं.  वह सभी गलत तरीके से अर्जित किए रुपये हैं.
जांच के दौरान तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने आरोपियों तक पहुंच बनाई और गुजरात से उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे साइबर अपराधियों के साथ मिलकर फर्जी बैंक खातों में पैसे मंगवाते थे और फिर ATM, चेक व अन्य माध्यमों से उन्हें निकालकर अंगड़िया और जनसेवा केंद्र जैसे नेटवर्क के जरिए कमीशन पर आगे भेजते थे. इसके बदले में उन्हें मोटी रकम कमीशन के रूप में मिलती थी.

पुलिस ने किया FIR दर्ज
पुलिस ने मामले में मुकदमा संख्या 08/2025 दर्ज किया है, जिसमें भारतीय दंड संहिता (BNS) की धाराएं 318(4), 319(2), 204, 351(4), 337, 338 और IT एक्ट की धाराएं 66C, 66D लगाई गई हैं. एसपी ग्रामीण ने बताया कि इस फ्रॉड से जुड़ी पूरी चेन की जांच की जा रही है और मास्टरमाइंड की तलाश भी जारी है. अभी तक डेढ़ लाख रुपये होल्ड किए जा चुके हैं, और अन्य बैंक खातों की जांच की जा रही है.

पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी अज्ञात कॉल, संदिग्ध लिंक या व्यक्ति को अपनी निजी जानकारी साझा न करें. "डिजिटल अरेस्ट" जैसी कोई प्रक्रिया भारतीय कानून में नहीं है, यह पूरी तरह से ठगी है. किसी भी साइबर फ्रॉड की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं.

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