राजीव शर्मा/बहराइच: बहराइच ज़िले के महसी इलाके में कई दिनों से हो रहे जानलेवा हमलों के बीच आखिरकार शनिवार को एक मादा भेड़िया को पकड़ने में सफलता मिली. यह कामयाबी उस समय मिली जब सिसैया चूड़ामणि गांव के पास गन्ने के खेत में एक संदिग्ध वन्यजीव की मौजूदगी ड्रोन कैमरे में कैद हुई. इस पर वन विभाग की टीम ने बहराइच, श्रावस्ती और गोंडा वन प्रभाग की संयुक्त कार्रवाई में भेड़िए को जिंदा पकड़ लिया.
ड्रोन तस्वीर से हुई भेड़िये की पुष्टि
भेड़िए की पहचान की पुष्टि ड्रोन पायलट सोहन गुप्ता द्वारा भेजी गई तस्वीरों से हुई. प्रभारी डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि पकड़ा गया जानवर एक वयस्क मादा भेड़िया है. उसे बहराइच मुख्यालय लाया जा रहा है और बाद में उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार किसी उपयुक्त स्थान पर छोड़ा जाएगा.
भेड़िये को सियार समझता रहा वन विभाग
हालांकि, इस भेड़िए के पकड़े जाने के बावजूद वन विभाग अभी भी बच्चों पर हुए हमलों को सीधे तौर पर भेड़िए से नहीं जोड़ रहा है. वन विभाग अब तक यही कहता रहा है कि हमला करने वाला कोई सियार है. डीएफओ का कहना है कि जांच के लिए सैंपल देहरादून भेजे गए हैं,और रिपोर्ट आने के बाद ही हमलों की पुष्टि की जा सकेगी.
हमलों में दो मासूमों की मौत
महसी इलाके में हाल ही में हुए हमलों में दो बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि दो अन्य घायल हैं, स्थानीय विधायक सुरेश्वर सिंह पहले ही स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि ये हमले भेड़िए द्वारा ही किए गए हैं. उन्होंने विशेषज्ञों और ग्रामीणों के अनुभवों के आधार पर यह दावा किया था.
कहा जाता है कि भेड़िए का स्वभाव बदले की भावना वाला होता है. यदि उसके परिवार को नुकसान पहुंचता है, तो वह आक्रामक हो जाता है. महसी में हो रही घटनाएं इसी ओर इशारा करती हैं कि संभवतः भेड़ियों के साथ पहले कोई दुर्घटना घटी हो.
वहीं वन विभाग पर सवाल उठ रहे हैं कि समय रहते पहले ही कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
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