Bareilly Hindi News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के दीक्षांत समारोह में शिरकत की. इस मौके पर उन्होंने भारतीय संस्कृति की महान परंपराओं को रेखांकित करते हुए कहा कि "हमारी संस्कृति 'ईशावास्यम् इदं सर्वम्' के मूलमंत्र पर आधारित है, जो यह सिखाती है कि सभी जीवों में ईश्वर का वास है."
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय परंपरा में देवताओं और ऋषियों द्वारा पशुओं से संवाद की अवधारणा इसी सोच पर आधारित है. उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मानव का वनों और वन्य जीवों से सहअस्तित्व का संबंध रहा है, लेकिन आज कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं. ऐसे में जैव विविधता का संरक्षण पृथ्वी और पर्यावरण के लिए अत्यंत आवश्यक है.
राष्ट्रपति ने "एक स्वास्थ्य" की वैश्विक अवधारणा का जिक्र करते हुए कहा कि मनुष्य, जानवर, पेड़-पौधे और पर्यावरण एक-दूसरे पर निर्भर हैं. ऐसे में पशु कल्याण के लिए गंभीर प्रयास जरूरी हैं और IVRI जैसे संस्थान इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं, खासकर जूनोटिक बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण में.
उन्होंने प्रौद्योगिकी के उपयोग पर भी जोर दिया और कहा कि जीनोम एडिटिंग, भ्रूण स्थानांतरण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा जैसी तकनीकें पशु चिकित्सा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं. उन्होंने आग्रह किया कि संस्थान स्वदेशी और कम लागत वाले उपचार और पोषण विकल्प विकसित करें, ताकि पशुओं, मनुष्यों और पर्यावरण पर दुष्प्रभाव को रोका जा सके.
राष्ट्रपति ने छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि बेजुबान जानवरों के कल्याण को करियर बनाना एक महान सेवा है. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि जब भी वे जीवन में किसी उलझन में हों, तो उन मूक जीवों की ओर देखें जिनके लिए उन्होंने यह मार्ग चुना है – यही उन्हें सही दिशा दिखाएगा.
उन्होंने पशु विज्ञान के क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की अपील करते हुए कहा कि इससे रोजगार सृजन के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा.
खबर News एजेंसी से है.