trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand02804388
Home >>चित्रकूट

Mahoba News: '..घोलकर पिला दीजिए..' जहर खाए मरीज को डॉक्टर ने बताई ऐसी 'दवा', मच गया बवाल

Mahoba News: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां जिला अस्पताल में डॉक्टर पर इमरजेंसी वार्ड में जहरीला पदार्थ खाने व फाँसी लगाने का प्रयास करने वाले मरीज के इलाज में लापरवाही का आरोप लगा है.

Advertisement
mahoba news
mahoba news
Zee Media Bureau|Updated: Jun 17, 2025, 01:13 PM IST
Share

राजेंद्र तिवारी/महोबा: यूपी के महोबा जिला अस्पताल में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है. आरोप है कि इमरजेंसी वार्ड में जहरीला पदार्थ खाने व फाँसी लगाने का प्रयास करने वाले मरीज को अस्पताल व मेडिकल में दवा न मिलने पर डॉक्टर ने कोयला का घोल पिलाने की सलाह दे डाली और मरीज को घोल पिला दिया गया.

क्या है पूरा मामला?
दरअसल महोबा जिला अस्पताल में कबरई थाना क्षेत्र के गहरा गांव निवासी 33 वर्षीय मंगल प्रजापति का पत्नी से विवाद हो जाने के कारण जहरीला पदार्थ खाकर फाँसी लगाने का प्रयास किया. जिसे गंभीर हालत में परिजनों द्वारा इलाज के लिए जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया. परिजनों के मुताबिक मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर दीपक कुमार (ईएमओ) ने दवा का पर्चा लिखकर तीमारदार को दिया लेकिन टेबलेट न मिलने पर डॉक्टर ने उन्हें कोयला का घोल पिलाने की सलाह दी और तीमारदार द्वारा कोयला लाकर मरीज को घोल पिलाया दिया गया. 

लगाया ये आरोप
तीमारदार ने बताया कि उसके बड़े भाई ने किसी बात को लेकर जहर खा लिया और आत्महत्या का प्रयास किया तो उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाए. जहाँ डॉक्टर ने चारकोल टेबलेट लिखकर दी लेकिन दवा कही नहीं मिली तो डॉक्टर ने कहा कि आप लकड़ी में आग लगाकर उसके कोयले को पीस कर उसके घोल को पिला दीजिए.

डॉक्टर का क्या कहना?
मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर दीपक ने बताया कि परिजनों के मुताबिक मरीज ने फांसी लगाई और डाई पी है. मरीज की स्थित संतोषजनक है. कोयला का घोल पिलाने पर बोले कि चारकोल टेबलेट नहीं मिली तो उसके स्थान पर कोयला का घोल पिलाया जा सकता है . वहीं सीएमएस ने बताया कि कोयला नहीं चारकोल टेबलेट दी जाती है. कोयला का घोल नहीं पिलाया गया है. वहीं चारकोल अस्पताल में उपलब्ध न होने पर बोले कि पता नही टेबलेट है कि नहीं.

Read More
{}{}