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कौन था जरायम की दुनिया का 'बेताज बादशाह' मुस्तफा कग्गा?, गैंग के चार खूंखार बदमाश एनकाउंटर में ढेर

Who Was Criminal Mustafa Kagga: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जरायम की दुनिया में एक समय मुस्तफा उर्फ कग्गा की बादशाहत कायम थी. मुस्तफा उर्फ कग्गा गंगोह क्षेत्र का रहने वाला था. अपराध को अंजाम देने में वह बेहद शातिर था. 

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Shamli Encounter
Shamli Encounter
Shailjakant Mishra|Updated: Jan 21, 2025, 09:15 AM IST
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Shamli Encounter: शामली में सोमवार एसटीएफ एनकाउंटर में चार बदमाश ढेर हो गए. इसमें एक लाख का इनामी बदमाश अरशद भी शामिल है. उस पर शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर से लेकर हरियाणा तक लूट, डकैती और हत्या के डेढ़ दर्जन केस दर्ज थे. अरशद मुस्तफा उर्फ कग्गा गैंग का सदस्य था. यह वही गैंग है, जिसकी कमान कभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का खूंखार अपराधी मुकीम काला संभाला करता था. इस गैंग का सरगना मुस्तफा उर्फ कग्गा हुआ करता था. 

कौन था मुस्तफा उर्फ कग्गा?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जरायम की दुनिया में एक समय मुस्तफा उर्फ कग्गा की बादशाहत कायम थी. मुस्तफा उर्फ कग्गा गंगोह क्षेत्र का रहने वाला था. अपराध को अंजाम देने में वह बेहद शातिर था. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया. यही नहीं घटना के बाद वह पुलिस पर भी गोलियां बरसाने से जरा भी नहीं हिचकता था. उसके बढ़ते प्रभाव ने कई जिलों के पुलिस की नींद हराम कर रखी थी. उसके अपराध की गूंज जिले और मंडल के बाद राजधानी तक गई थी. आतंक का पर्याय बना मुस्तफा उर्फ कग्गा के खिलाफ डीजीपी को अफसरों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.

2010 में दिया बड़ी वारदात को अंजाम?
साल 2010 में एक ऐसी ही खौफनाक वारदात को कग्गा ने अंजाम दिया. शामली जिले में बिडौली चेक पोस्ट पर एसओजी के सिपाही सचिन मलिक और इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार ने मुस्तफा उर्फ कग्गा ने कग्गा की घेराबंदी की. पुलिसकर्मियों ने जैसे ही उसको रोका तो उसने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. गोली लगने से सिपाही सचिन मलिक की मौत हो गई थी. बाद में 2011 में मुस्तफा उर्फ कग्गा सहारनपुर में मारा गया था.

मुस्तफा के गैंग में मुकीम काला जैसे दुर्दांत बदमाश
मुस्तफा उर्फ कग्गा के गैंग में मुकीम उर्फ काला जैसे दुर्दांत बदमाश भी शामिल थे. इसके अलावा वाजिद उर्फ काला और साबिर जंधेडी प्रमुख शार्प शूटर भी थे. साल 2011 में जब मुस्तफा उर्फ कग्गा मारा गया, तब गैंग की कमान संभालकर मुकीम काला सरगना बन गया था. इन बदमाशों का सबसे सुरक्षित ठिकाना यमुना का खादर क्षेत्र रहा. शामली के कैराना, झिंझाना क्षेत्र में यमुना खादर तो कभी सहारनपुर के गंगोह और अन्य इलाकों में यह पनाह लेते थे. पुलिस भी यहां दबिश से कतराती थी.

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