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चारधाम के रास्तों में फंसे 1 हजार यात्री, सोनप्रयाग-कर्णप्रयाग में भरभराकर टूटे पहाड़ों से बिगड़े हालात

Kedarnath Cloud burst: केदारनाथ धाम में 48 घंटे पहले आई आपदा के बावजूद संकटटला नहीं है. एक हजार से ज्यादा लोग अभी भी रास्तों में फंसे हैं, जिन्हें निकालने में खराब मौसम से मुश्किलें आ रही हैं. 

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Chardham Yatra 2024
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Amrish Kumar Trivedi|Updated: Aug 02, 2024, 02:07 PM IST
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केदारनाथ के लिंचोली और भीमबली के 48 घंटों के बाद भी उत्तराखंड में आपदा से आई आफत कम नहीं हुई है. चारधाम मार्ग में भारी बारिश, भरभराकर गिरती चट्टानों के बीच सोनप्रयाग, कर्णप्रयाग जैसे स्थानों पर करीब एक हजार यात्री फंसे हैं. इन्हें बचाने के लिए एमआई 17 औऱ चिनूक हेलीकॉप्टरों की मदद की ली जा रही है. एनडीआरएफ औऱ एसडीआरएफ की टीमें और आपदा प्रबंधन समेत सभी विभाग मोर्चे पर हैं, लेकिन लगातार पहाड़ों से गिरते पत्थरों से रुकावट आ रही है. अब तक 5 हजार लोगों को निकाला जा चुका है.

पैदल और मोटरमार्ग दो दिन से बंद
केदारनाथ का पैदल औऱ मोटर मार्ग दो दिन से पूरी तरह बंद है, जंगल के रास्ते भी फंसे तीर्थयात्रियों को भूस्खलन के बंद रास्ते से इतर निकालने का प्रयास किया जा रहा है. कर्णप्रयाग केदारनाथ में मौसम खराब होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार को रोकना पड़ा. सेना का चिनूक हेलिकॉप्टर आधे रास्ते से वापस लौट आया. पहले राउंड में वायु सेना का MI 17 हेलीकॉप्टर 15 श्रद्धालुओं को एयर लिफ्ट कर लाया था.कर्णप्रयाग गौचर क्षेत्र में सुबह हल्की धूप खिली होने उम्मीद थी कि जल्दी ही तमाम तीर्थयात्रियों को निकाल लिया जाएगा. हेलीपैड पर वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर बचाव कार्य में जुटे रहे हैं.

केदारनाथ में आई थी तबाही
केदारनाथ में 31 जुलाई को रुद्रप्रयाग जिले में लिंचोली, भीमबली समेत कई इलाकों में बादल फटने से ये तबाही आई थी. भारी बारिश और आपदा के हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर रखे हुए हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय ने पूरी वस्तुस्थिति की जानकारी ली है. रेस्क्यू के लिए एयर फोर्स का चिनूक, एमआई 17 रवाना, तीन टैंकर ATF की मदद भी भेजी गई है.

पीएमओ अलर्ट मोड पर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध के बाद पीएमओ अलर्ट मोड पर मदद में जुटा है. केदार घाटी के केदारनाथ, लिनचोली भीमबली में अभी भी तमाम श्रद्धालु लापता भी बताए जाते हैं, शायद उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. सर्च अभियान जारी है. यह भी कहा जा रहा है कि अभी भी 3000 लोग केदारनाथ के पैदल पड़ावों पर रास्तों में फंसे हो सकते हैं. पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है.

धामी का गुप्तकाशी दौरा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव अभियान जारी है. लिनचोली और गुप्तकाशी का उन्होंने दौरा किया था. अब तक 5000 लोगों को बचाया गया है. लगभग 1000 लोग धाम पर हैं. अगर मौसम सही रहता है तो इन्हें भी जल्द निकाल लिया जाएगा. पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार के विभाग से हम संपर्क में हैं.

रुद्रप्रयाग जिले के SDM आशीष घिल्डियाल ने कहा, गौचर हवाई पट्टी में गुरुवार को ही एयरफोर्स के MI17 और चिनूक हेलिकॉप्टर पहुंच गए थे. MI17 की मदद से कुछ लोगों को बाहर निकाला गया है. केदारनाथ में अभी मौसम उड़ान भरने लायक नहीं है. अगर वहां मौसम ठीक होता है तो फिर से हेली से रेस्क्यू अभियान शुरू किया जाएगा. NDRF और SDRF टीमें भी सड़क मार्ग से यात्रियों को नीचे लाने का प्रयास कर रही हैं.

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